Uttarakhand में जंगल में आग लगने की 31 नयी घटनाएं, 33.34 हेक्टेयर जंगली क्षेत्र जला

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जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा लिया गया, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बकरियों को चराने के लिए नयी घास उगाने के लिए उसने जंगल में आग लगायी।

गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में विभिन्न स्थानों पर जंगलों में आग लगने की 31 घटनाएं सामने आईं, जिनमें दो व्यक्ति झुलस गए। इस बीच, रूद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगाते तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

यहां वन विभाग द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कुमाउं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 जबकि गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं हुईं, जिनमें 33.34 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ।

बुलेटिन के अनुसार इन घटनाओं में 39,440 रुपये की आर्थिक क्षति होने का अनुमान है। पिछले साल एक नवंबर से अब तक प्रदेश में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और 14,41,771 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।

उधर, रूद्रप्रयाग के जखोली में दो अलग-अलग वन क्षेत्रों में कथित रूप से आग लगाते हुए तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। रूद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वनाग्नि की घटनाएं रोकने के लिए गठित वनाग्नि सुरक्षा दल ने यह कार्रवाई की।

उन्होंने बताया कि जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा लिया गया, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बकरियों को चराने के लिए नयी घास उगाने के लिए उसने जंगल में आग लगायी।

दूसरी ओर, उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमंत सिंह एवं भगवती लाल नामक व्यक्तियों को जंगल में आग लगाते हुए पकड़ लिया गया। वन अधिकारी ने बताया कि जंगल में आग लगाने में शामिल अपराधियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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