IFFI विवाद से निराशा के बावजूद जाधव ने नहीं छोड़ा है आशा का दामन
मराठी फिल्मकार रवि जाधव ने कहा कि उनकी फिल्म ‘‘न्यूड’’ को जब आगामी भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के भारतीय पैनोरमा खंड से हटाया गया तो उन्हें लगा कि जैसे किसी ने उन्हें थप्पड़ मारा हो।
पणजी। मराठी फिल्मकार रवि जाधव ने कहा कि उनकी फिल्म ‘‘न्यूड’’ को जब आगामी भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के भारतीय पैनोरमा खंड से हटाया गया तो उन्हें लगा कि जैसे किसी ने उन्हें थप्पड़ मारा हो। फिल्म निर्देशक ने कहा कि पैनोरमा खंड की 13 सदस्यीय निर्णायक समिति की सिफारिशों को खारिज कर सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा मलयालम फिल्म “एस दुर्गा’’ और मराठी फिल्म “न्यूड” को हटा लेने का फैसला बेहद निराशाजनक है।
उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, “पिछले कुछ दिनों से जो हो रहा है वह बेहद निराश करने वाला है। इस फिल्म में एक खास दृश्य में एक कलाकार को तमाचा पड़ता है, दुर्भाग्य से मैं पर्दे के उसी कलाकार की तरह महसूस कर रहा हूं जिसे थप्पड़ पड़ता है।” उन्होंने कहा, “इसके बावजूद अन्य कलाकारों की तरह मैं भी आशावादी बना हुआ हूं।” ‘‘बैंजो” (2016) और “टाइमपास” (2014) जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले जाधव ने विवाद के बाद “न्यूड” का टीजर ऑनलाइन पोस्ट किया। फिल्म में एक महिला के संघर्ष की कहानी दिखाई गई है जो मुंबई में एक नग्न मॉडल के तौर पर छिप कर काम करती है।
जाधव ने आईएफएफआई की निर्णायक समिति, मीडिया और मनोरंजन जगत के अपने दोस्तों के प्रति भी आभार प्रकट किया जो उनके समर्थन में सामने आए।
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