अपनी अगली फिल्म में शायरी करती नजर आएंगी ऋचा चड्ढा, सीख रही हैं उर्दू बोलना

Richa Chadha learned Urdu poetry for her next project
रेनू तिवारी । Nov 10 2020 3:33PM

सेट पर वापस जाना इन दिनों अभिनेताओं के लिए सबसे सुखद समय है। 7 महीने का अंतराल सबसे कठिन रहा है, क्योंकि अचानक से सभी कलाकारों के बिजी शेड्यूल महामारी के कारण थम गया था।

प्रेस विज्ञप्ति। सेट पर वापस जाना इन दिनों अभिनेताओं के लिए सबसे सुखद समय है। 7 महीने का अंतराल सबसे कठिन रहा है, क्योंकि अचानक से सभी कलाकारों के बिजी  शेड्यूल महामारी के कारण थम गया था। इस प्रकार, जब लखनऊ में अपनी आगामी प्रोजेक्ट के लिए एक स्टार्ट-टू-फ़िनिश शेड्यूल तैयार किया गया, तो ऋचा चड्ढा काम पर वापस आने के लिए खुश थी। हमेशा की तरह अपने क्राफ्ट पर खरा उतरने के लिए, ऋचा ने अपने उर्दू उच्चारण, या ऐसे भी कह सकते है अपने किरदार के लिए उर्दू 'तालफुज़' सही करने में समय बिताया।

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दिल्ली में पले-बढ़े, एक संस्कृत परिवार से, ऋचा ने हमेशा शायरी का आनंद लिया है। वह मिर्जा गालिब, फैज अहमद फैज, बशीर बद्र, चकबस्त आदि के कामों से परिचित हैं। लेकिन अब, फिल्म के लिए, ऋचा शायरी  में अपने रूचि को बढ़ा कर रही है। हालाँकि फिल्म में उनका किरदार उर्दू नहीं बोलता है, लेकिन उनका।

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किरदार एक अलग तरीके का लहज़ा पे काम करते हुए ऋचा ने इसकी तयारी की। कलाकारों ने सही उच्चारण प्राप्त करने के लक्ष्य में में कलाकारों की मदद करने के लिए इस फिल्म के निर्माताओं ने लखनऊ से ही एक डिक्शन विशेषज्ञ को काम पर रखा।

ऋचा बताती हैं, "चरित्र के लिए विश्वसनीय रहना आवश्यक है और अभिनेताओं के रूप में यह हमारे किरदार के प्रत्येक तत्व को परिपूर्ण करने के लिए हमारा काम है। मुझे खुशी है कि यह फिल्म ने मुझे एक मौका दिया है। मुझे पहले से ही शायरी में दिलचस्पी थी। भाषा, स्थान और संस्कृति की खोज करना एक अभिनेता होने के नाते सबसे रोमांचकारी पहलू है। हर दिन कुछ नया सीखने का अनुभव है और इसकी शूटिंग शेरो शायरी की पुरानी दुनिया में खो जाना जैसा रही है।"

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