मूर्ति के साथ ‘हार्दिक और गर्मजोशी भरा’ रिश्ता: सिक्का

[email protected] । Feb 13 2017 4:22PM

इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का का कहना है कि कंपनी के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति के साथ उनका हमेशा एक हार्दिक और गर्मजोशी भरा रिश्ता रहा है।

सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का का कहना है कि कंपनी के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति के साथ उनका हमेशा एक हार्दिक और गर्मजोशी भरा रिश्ता रहा है। सिक्का का यह बयान ऐसे समय आया है जब कंपनी के संस्थापकों द्वारा कंपनी के प्रबंधन को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं और इनको लेकर काफी विवाद बना हुआ है। चिंता के प्रमुख मुद्दों में सिक्का का वेतन बढ़ाकर 1.1 करोड़ डॉलर सालना किया जाना और पूर्व कार्यकारी राजीव बंसल एवं डेविड केनेडी को कंपनी छोड़ने पर भारी राशि का भुगतान करना है।

संस्थापकों के साथ उनके संबंध के बारे में पूछे जाने पर सिक्का ने कहा, ‘‘संस्थापकों के साथ मेरे संबंध..? ये बहुत अच्छे हैं। मैं मूर्ति जी से अक्सर मिलता रहता हूं..मेरे मूर्ति जी के साथ संबंध बहुत ही हार्दिक और गर्मजोशी भरे रहे हैं। मैं उनसे साल में 4-5 बार मिल लेता हूं।’’ उन्होंने कहा कि किसी अन्य संस्थापक के साथ उनकी इतनी मुलाकात नहीं हुई। मूर्ति को ‘अतुलनीय इंसान’ बताते हुए सिक्का ने कहा कि उनसे जब भी मुलाकात होती है तो आमतौर पर क्वांटम फिजिक्स और तकनीकी पर चर्चा होती है।

विशाल सिक्का ने मूर्ति के साथ संबंधों को याद करते हुए कहा, ‘‘एक बार उन्होंने (मूर्ति) मुझे पेरिस मेट्रो के बारे में बताया और यह भी बताया कि इंफोसिस की शुरूआत से पहले 1970 के दशक में उन्होंने कैसे पेरिस मेट्रो पर काम किया था और यह पूरा विचार स्वचालन और स्वाचालित ड्राइविंग से जुड़ा था।’’ उन्होंने मुंबई में कोटक के चेंजिंग ग्रोथ कांफ्रेंस में कहा कि जो ‘ड्रामा’ मीडिया में चल रहा है वह काफी ‘विचलित करने वाला’ है। सिक्का ने कहा, ‘‘यह (मीडिया की चर्चा) हमारा सारा ध्यान खींचती है लेकिन अगर इससे परे देखा जाए तो एक बहुत मजबूत ताना-बाना है जिस पर कंपनी का आधार टिका है, और मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं इसका नेतृत्व कर रहा हूं।’’

सिक्का आज शाम को निदेशक मंडल के कुछ सदस्यों के साथ मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। इंफोसिस ने अपनी ओर से प्रबंधन में किसी भी तरह की कोताही की बात होने से इंकार किया है और कहा है कि कंपनी के सभी क्रियाकलापों के बारे में उसने ‘सभी जानकारियां’ मुहैया करायी हैं। कंपनी के पूर्व वरिष्ठ कार्यकारियों ने कंपनी के 5.25 अरब डॉलर के नकदी के ढेर पर भी चिंता जताई है। इस पर सिक्का ने कहा कि वह अपना ‘आधिकारिक’ जवाब समय-समय पर निदेशक मंडल को देते रहते हैं। यह अगर पूंजी आवंटन नीतियों से जुड़ा होगा और जब जरूरत होगी तो कंपनी खुद इसका खुलासा करेगी।

विशाल सिक्का ने कहा, ‘‘इस संबंध में गैर-आधिकारिक जवाब यह है कि आपको अगले 4-5 साल की परिस्थितियों पर नजर रखनी होती है और उसके लिए आपको पूंजी की जरूरत देखनी होगी। उसके आधार पर फैसला होता है। हमारे मामले में यह रणनीतिक वृद्धि के लिए पहल, बुनियादी ढांचा बनाने और उसके बाद अधिग्रहण करने के लिए पूंजी का विषय है। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में कारोबार के मिश्रण में किस तरह के बदलाव आएंगे, उसके आधार पर धन को खर्च करने के बारे में निर्णय लिया जाता है।

मूर्ति के बारे में ही सिक्का ने कहा कि उनके साथ बहुत गहरा दिली रिश्ता है। इसी दिली ताल्लुक और इज्जत के कारण ही उन्होंने इन्फोसिस की नौकरी स्वीकार की। वह (मूर्ति) जानते हैं, और मैं हर शेयरधारक को यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस कंपनी की बुनियाद संचालन के कुछ मानकों और मूल्यों पर रखी गयी थी, वह मूल्य मानक और मूल्य बरकरार हैं तथा आगे भी बने रहेंगे। मेरे रहते इनमें रत्ती भर भी कमी नहीं आने दी जाएगी।’ इन्फोसिस के चेयरमैन आर शेषशायी ने कहा कि वह मूर्ति की विनम्र टिप्पणियों के लिए उनका धन्यवाद करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘मूर्ति का मैं बहुत अधिक सम्मान करता हूं। उनकी बातों को हमेशा बहुत सम्मान दिया जाता है।’

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