एनएलसी के साथ संयुक्त उद्यम की योजना टाल सकती है डीवीसी
दामोदार घाटी निगम लि. (डीवीसी) अपने रघुनाथपुर ताप बिजली संयंत्र को एनएलसी के साथ संयुक्त उद्यम को स्थानांतरित करने की योजना टाल सकती है।
कोलकाता। दामोदार घाटी निगम लि. (डीवीसी) अपने रघुनाथपुर ताप बिजली संयंत्र को एनएलसी के साथ संयुक्त उद्यम को स्थानांतरित करने की योजना टाल सकती है। पश्चिम बंगाल सरकार से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने में देरी की वजह से कंपनी ऐसा कर सकती है। डीवीसी को 1,200 मेगावॉट की रघुनाथपुर बिजली संयंत्र की वजह से लगातार वित्तीय घाटा हो रहा है। माना जा रहा है कि इससे कंपनी को हर महीने करीब 70 करोड़ रुपये की चपत लग रही है।
डीवीसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें एनएलसी के साथ संयुक्त उद्यम के लिए पिछले दो साल से मंजूरी नहीं मिली है। ऐसे में हम रघुनाथपुर परियोजना के लिए विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इसमें एक विकल्प संयुक्त उद्यम की योजना छोड़ना है।’’ अधिकारी ने कहा कि डीवीसी इसके अलावा रघुनाथपुर बिजली संयंत्र का खुद भी पुनरोद्धार करने के विकल्प पर विचार कर सकती है।
संयुक्त उद्यम योजना के तहत चेन्नई की एनएलसी (पुराना नाम नेवेली निग्नाइट कॉरपोरेशन) को 5,500 करोड़ रुपये की रघुनाथपुर परियोजना में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी लेनी होगी। वहीं शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी डीवीसी के पास ही रहेगी। डीवीसी में केंद्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड की समान हिस्सेदारी है।
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