नारों के बीच फंसी कंपनियों की परवाह नहीं: पर्रिकर

[email protected] । Feb 15 2017 11:55AM

पर्रिकर ने कहा कि यह उनकी चिंता का विषय नहीं है कि बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां अपने आप को ‘अमेरिका फर्स्ट’ और ‘मेक इन इंडिया’ नारों के बीच फंसा हुआ पा सकती हैं।

बेंगलुरु। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि यह उनकी चिंता का विषय नहीं है कि बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां अपने आप को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ जैसे नारों के बीच फंसा हुआ पा सकती हैं। पर्रिकर ने मंगलवार को यहां के येलहंका वायुसैनिक अड्डे पर पांच दिवसीय एयर इंडिया शो के उद्घााटन के बाद संवाददाताओं से कहा कि ये कंपनियां विश्व के किसी भी संयंत्र से सैन्य अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ये कंपनियां सभी मायनों में बहुराष्ट्रीय हैं। उनका यूरोप में संयंत्र हो सकता है। उनका विश्व के किसी भी हिस्से में संयंत्र हो सकता है। उनका अमेरिका में संयंत्र हो सकता है वे इन क्षेत्रों में से कहीं से भी उद्धृत की जा सकती हैं, इसलिए यह मेरी चिंता का विषय नहीं है और मैं इसकी ज्यादा चिंता भी नहीं करता क्योंकि व्याख्याओं को गलत तरह से लिया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले चीजों को और स्पष्ट हो जाने दो। लेकिन मूलरूप से मेरी आवश्यकता यह है कि सरकार को उससे सहमत होना चाहिए, चाहे कोई भी सरकार इससे सहमत हो।’’

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