बारिश के कारण उड़द दाल की कीमतों पर पड़ा असर, जनता को मिलेगी राहत

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रितिका कमठान । Jul 10 2024 5:00PM

नैफेड और एनसीसीएफ द्वारा मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीद प्रगति पर है। हाल ही में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय रही हैं। जून में मुद्रास्फीति में उछाल आएगा, जो पिछले पांच महीनों की गिरावट को रोक देगा।

उड़द दाल की कीमतों में अब गिरावट आने लगी है। उड़द दाल की कीमतों में आ रही गिरावट के कारण अब आम जनता को राहत मिली है। जनता की जेब पर पड़ रहा अत्यधिक भार कम हुआ है। केंद्र सरकार ने भी उड़द दाल की कीमत को लेकर एक बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक दाल की कीमत कम होने लगी है।

खासतौर से इंदौर और दिल्ली के बाजारों में क्रमशः 3.12 प्रतिशत और 1.08 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट दर्ज हुई है। सरकार ने कहा कि घरेलू कीमतों के अनुरूप आयातित उड़द की कीमतों में भी गिरावट का रुख है। इस वर्ष उड़द की बुआई का रकबा काफी बढ़ा है। ये बीते वर्ष के दौरान 3.67 लाख हेक्टेयर की तुलना में 5.37 हेक्टेयर तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि 90 दिन की फसल से इस साल खरीफ में अच्छा उत्पादन होगा।

बयान में कहा गया है, "उपभोक्ता मामलों के विभाग के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप उड़द की कीमतों में नरमी आई है। केंद्र के सक्रिय उपाय उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को स्थिर करने और किसानों के लिए अनुकूल मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण रहे हैं।" अच्छी बारिश से किसानों का मनोबल बढ़ सकता है, जिससे मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उड़द उत्पादक राज्यों में अच्छी फसल का उत्पादन हो सकता है।

सरकार ने यह भी कहा कि नैफेड और एनसीसीएफ द्वारा मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीद प्रगति पर है। हाल ही में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय रही हैं। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि जून में मुद्रास्फीति में उछाल आएगा, जो पिछले पांच महीनों की गिरावट को रोक देगा, जिसका मुख्य कारण चरम मौसम के कारण फसलों को हुए नुकसान के कारण सब्जियों की कीमतों में उछाल है। 

टमाटर, प्याज और आलू - जो हर भारतीय रसोई का मुख्य हिस्सा हैं - की कीमतें पिछले महीने दोहरे अंकों में बढ़ गईं, क्योंकि भारत के उत्तरी राज्यों में अत्यधिक गर्मी और भारी बाढ़ ने कृषि उत्पादन को बाधित कर दिया। 5-9 जुलाई को 54 अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए रॉयटर्स सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति पिछले महीने एक वर्ष पहले की तुलना में बढ़कर 4.80 प्रतिशत हो गई, जबकि मई में यह 4.75 प्रतिशत थी। 

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