फर्जी चालान को रोकेने पर GST परिषद, अब आधार कार्ड की तर्ज पर करेगी रजिस्ट्रेशन

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वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि विधि समिति ने सुझाव दिया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में नए पंजीकरण के लिए आधार जैसी प्रक्रिया अपनाई जा सकती है, जिसके तहत तत्काल फोटो और बायोमेट्रिक्स के साथ ही दस्तावेजों के सत्यापन से नए पंजीकरण किए जा सकते हैं।

नयी दिल्ली। केंद्र और राज्य के कर अधिकारियों ने फर्जी कंपनियों द्वारा इनपुट क्रेडिट टैक्स के दावे को रोकने के लिए तत्काल फोटो और बायोमेट्रिक्स के इस्तेमाल से ऑनलाइन पंजीकरण का सुझाव दिया है। सूत्रों ने बताया कि जीएसटी परिषद की विधि समिति, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के कर अधिकारी शामिल हैं, ने यह सुझाव भी दिया है कि नए पंजीकरण के लिए बिना आधार के पंजीकरण का विकल्प चुनने पर अनिवार्य रूप से भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि विधि समिति ने सुझाव दिया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में नए पंजीकरण के लिए आधार जैसी प्रक्रिया अपनाई जा सकती है, जिसके तहत तत्काल फोटो और बायोमेट्रिक्स के साथ ही दस्तावेजों के सत्यापन से नए पंजीकरण किए जा सकते हैं।

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ऐसी सुविधाएं बैंकों, डाकघरों और जीएसटी सेवा केंद्रों (जीएसके) में दी जा सकती हैं। एक सूत्र ने बताया कि जीएसके पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर नए पंजीकरण की सुविधा दे सकते हैं। इसके अलावा जो पंजीयक पंजीकरण के समय आधार प्रमाणीकरण का विकल्प नहीं चुनते हैं, उन्हें भरोसे वाले दो करदाताओं के सिफारिश पत्र देने पड़ सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि पंजीकरण के लिए दिए गए दस्तावेजों के आधार पर यदि पंजीयक ‘भरोसेमंद’ श्रेणी में आता है, तो उसका सात कार्यदिवसों में पंजीकरण किया जा सकता है। यदि पंजीयक ‘भरोसेमंद’ श्रेणी में नहीं आता है, तो उसका सशर्त पंजीकरण 60 कार्यदिवसों में किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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