‘भारत सतत विकास के लिये अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिये प्रतिबद्ध’

India reaffirms its commitment to moving away from a coal-based energy

भारत ने स्वच्छ ऊर्जा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्षमता सृजित की जा रही है तथा कुल ऊर्जा में इसका उपयोग बढ़ाया जा रहा है।

नयी दिल्ली। भारत ने स्वच्छ ऊर्जा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्षमता सृजित की जा रही है तथा कुल ऊर्जा में इसका उपयोग बढ़ाया जा रहा है। भारत ने यह भी कहा कि समानतामूलक सतत विकास के लिये यह पहल जारी रहेगी। उद्योग मंडल सीआईआई के सहयोग से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमनआरई) द्वारा ‘ वर्ष 2022 तक 1,75,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करने के लिये वित्त पोषण के नये तरीके तथा बाजार का विकास विषय पर आयोजित एक परिचर्चा में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव सी के मिश्र ने उक्त बात कही। इस कार्यक्रम का आयोजन जर्मनी के बान में सीओपी23 (कांफ्रेन्स आफ पार्टीज) सम्मेलन में भारतीय मंडप में किया गया था।

जारी आधिकारिक बयान के अनुसार मिश्र ने कहा, ‘‘स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्षमता सृजित की जा रही है तथा कुल ऊर्जा में इसका उपयोग बढ़ाया जा रहा है। भारत ने यह भी कहा कि समानतामूलक सतत विकास के लिये यह पहल जारी रहेगी।’’ उल्लेखनीय है कि भारत ने 2030 तक कुल ऊर्जा में नवीन एवं स्वच्छ ऊर्जा का योगदान बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लि. (इरेडा) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के एस पोपली ने कहा, ‘‘अब सवाल वित्त की उपलब्धता का नहीं है बल्कि सस्ते कर्ज का है।

बाजार परिपक्व हुआ है और यह बांड बाजार में हुई प्रगति से साबित होता है। सरकार की तरफ से उठाये जा रहे कदम का जिक्र करते हुए एमएनआरई में सलाहकार डा. पी सी मैथन ने कहा कि बाजार के विकास के साथ चुनौतियों से समाधान के लिये नीतियां तैयार की जा रही हैं। भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

सौर तथा पवन ऊर्जा की कीमत में काफी कमी आयी है और यह 3-4 सेंट (एक सेंट बराबर लगभग 66 पैसा) सेंट प्रति किलोवाट पहुंच गयी है जो 2013 में 9-12 सेंट प्रति यूनिट थी। रुपये में देखा जाए तो जहां सौर ऊर्जा की लागत 2.62 रुपये प्रति यूनिट तथा पवन ऊर्जा की लागत 2.64 रुपये प्रति यूनिट पर आ गयी है। इस मौके पर टेरी (द एनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट) के महानिदेशक अजय माथुर ने भंडारण प्रौद्योगिकी (स्टोरेज) में शोध को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि भंडारण प्रौद्योगिकी की लागत में कमी लाने की जरूरत है। इस मौके पर हीरो फ्यूचर्स एनर्जी के प्रबंध निदेशक राहुल मुंजाल, सीएलपी इंडिया के प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र समेत अन्य ने भी अपनी बातें रखी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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