भारत के निजी क्षेत्र की गतिविधि मार्च में तीन साल के उच्चतम स्तर पर

[email protected] । Apr 6 2016 1:55PM

देश में निजी क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च के दौरान उल्लेखनीय तेजी दर्ज हुई और मार्च में यह 37 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। निक्केइ इंडिया के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

देश में निजी क्षेत्र की गतिविधियों में मार्च के दौरान उल्लेखनीय तेजी दर्ज हुई और मार्च में यह 37 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। निक्केइ इंडिया के सर्वेक्षण में कहा गया कि ऐसा नए आर्डर में बढ़ोतरी के मद्देनजर हुआ। निक्केइ इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक मार्च में 37 महीने के उच्चतम स्तर 54.3 पर पहुंच गया जो फरवरी में 51.2 पर था। यह सूचकांक विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों का आकलन करता है।

विनिर्माण उत्पाद की वृद्धि में भी तेजी आ रही है इसलिए निजी क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि में इसका योगदान रहा। इस बीच निक्केइ सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक मार्च में 54.3 पर पहुंच गया जो जून 2014 से अब तक का उच्चतम स्तर है। फरवरी में सूचकांक 51.4 पर था। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि जबकि इससे नीचे रहना संकुचन का संकेतक है। सर्वेक्षण का आकलन करने वाली संस्था मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘‘मार्च पीएमआई के सर्वेक्षण से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोरदार तरीके से वित्त वर्ष की समाप्ति का संकेत मिलता है जिसमें विनिर्माण तथा सेवा दोनों क्षेत्रों में गतिविधियां तेजी से बढ़ीं।’’ सर्वेक्षण में कहा गया कि नए कारोबार और उत्पाद में ठोस तेजी के बावजूद रोजगार को रझान नरम रहा। लीमा ने कहा, ‘‘एक निराशाजनक बात है कि इस सबके बावजूद रोजगार के रझान में 2015-16 के दौरान शायद ही बदलाव हुआ।’’ भारतीय सेवा कंपनियां हालांकि आशावादी हैं कि आगामी 12 महीनों में गतिविधियां बढ़ेंगी।

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