FDI नियमों को ढील देने के लिए अंतर-मंत्रालयी समूह की होगी बैठक
विभाग उन क्षेत्रों पर गौर कर रहा है, जहां एफडीआई नीति को और उदार बनाना संभव है। इसके लिये डीपीआईआईटी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ बैठकें कर रहा है।
नयी दिल्ली। विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिये एफडीआई नियमों को और सरल तथा आसान बनाने की संभावना पर चर्चा के लिये अंतर-मंत्रालयी समूह की बैठक यहां 29 अक्टूबर को होगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। अधिकारी ने कहा कि बैठक में रक्षा, सूचना और प्रसारण, इलेक्ट्रानिक्स और आईटी तथा वित्त समेत विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी शामिल होंगे।
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विभाग उन क्षेत्रों पर गौर कर रहा है, जहां एफडीआई नीति को और उदार बनाना संभव है। इसके लिये डीपीआईआईटी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ बैठकें कर रहा है। हालांकि ज्यादातर क्षेत्रों में एफडीआई की स्वत: मार्ग से मंजूरी है। रक्षा, दूरसंचार, मीडिया, औषधि और बीमा जैसे कुछ क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों के लिये सरकार की मंजूरी जरूरी है। सरकारी मार्ग के तहत विदेशी निवेशकों को संबंधित मंत्रालय/ विभाग से निवेश से पहले मंजूरी लेनी होती है जबकि स्वत: मार्ग के मामले में निवेश के बाद केवल आरबीआई को सूचना देनी होती है।
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कुल नौ क्षेत्र हैं जहां एफडीआई पर पाबंदी है। इसमें लॉटरी कारोबार, जुआ और सट्टा, चिट फंड, रीयल एस्टेट कारोबार तथा सिगार और सिगरेट जैसे तंबाकू के उपयोग वाले उत्पादों के विनिर्माण शामिल हैं। हाल में सरकार ने कई क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में ढील दी। इसमें एकल खुदरा ब्रांड, ठेका खेती और कोयला खनन शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान देश में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) 28 प्रतिशत बढ़कर 16.33 अरब डॉलर रहा।
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