आईओसी पूर्वोत्तर में तीन नए बॉटलिंग संयंत्र लगाने की बना रही है योजना

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हालांकि, इसके पूर्वोत्तर में मौजूद नौ संयंत्रों की उपयोग क्षमता 5.11 करोड़ सिलेंडर की है। रमेश ने कहा, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में हमारे दो संयंत्र थे लेकिन वे पुराने थे और नए सुरक्षा मानकों पर उनके खरा उतरने को लेकर भी हम आश्वस्त नहीं हैं।

गुवाहाटी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) अपनी एलपीजी बॉटलिंग क्षमता में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए पूर्वोत्तर भारत में तीन नए संयंत्रों की स्थापना की योजना बना रही है। आईओसी के कार्यकारी निदेशक (इंडियन ऑयल-एओडी) जी रमेश ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में एलपीजी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वहां पर तीन नए संयंत्र लगाने की योजना है। इससे कंपनी की एलपीजी बॉटलिंग की वार्षिक क्षमता वर्ष 2030 तक बढ़कर आठ करोड़ सिलेंडर हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ये संयंत्र मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में 325-350 करोड़ रुपये के कुल निवेश से स्थापित किए जाएंगे। इनका संचालन पूर्ण स्वामित्व और सार्वजनिक-निजी भागीदारी(पीपीपी) मॉडल के रूप में किया जाएगा। आईओसी की पूर्वोत्तर इकाई इंडियन ऑयल-एओडी की मौजूदा बॉटलिंग क्षमता सालाना 5.23 करोड़ गैस सिलेंडर की है।

हालांकि, इसके पूर्वोत्तर में मौजूद नौ संयंत्रों की उपयोग क्षमता 5.11 करोड़ सिलेंडर की है। रमेश ने कहा, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में हमारे दो संयंत्र थे लेकिन वे पुराने थे और नए सुरक्षा मानकों पर उनके खरा उतरने को लेकर भी हम आश्वस्त नहीं हैं। लिहाजा इन्हें बंद कर दिया गया और उनकी जगह पर नए बड़े आकार के संयंत्र लगाए जाएंगे। फिलहाल इंडियन ऑयल-एओडी के पूर्वोत्तर में नौ संयंत्र मौजूद हैं जिनमें से छह असम में सक्रिय हैं जबकि मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा में एक-एक संयंत्र हैं। इनमें से असम में एक और त्रिपुरा वाला संयंत्र हाल ही में शुरू किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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