Lenskart का शेयर बाजार में धमाकेदार डेब्यू, 72,800 करोड़ रुपये का आईपीओ चर्चा में

Lenskart
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Ankit Jaiswal । Nov 10 2025 10:07PM

पीयूष बंसल की लेंसकार्ट ने अपने 72.8 अरब रुपये के आईपीओ से शानदार पूंजी जुटाई, जिसे निवेशकों से 28 गुना अधिक प्रतिक्रिया मिली और इसने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी। हालांकि, इसके उच्च मूल्यांकन (पिछले वित्त वर्ष की आय का 238 गुना) पर एंबिट कैपिटल जैसे विश्लेषकों ने 'सेल' रेटिंग के साथ चिंता जताई, जबकि डीएसपी एसेट मैनेजर्स ने मजबूत बिज़नेस मॉडल के बावजूद इसे 'महंगा' माना। यह लिस्टिंग भारत के सक्रिय आईपीओ बाजार और वैश्विक निवेशकों के लिए इसकी बढ़ती अपील का प्रतीक है।

सोमवार को शेयर बाजार में लेंसकार्ट की एंट्री ने निवेशकों का खासा ध्यान खींचा, लेकिन इसकी शुरुआत उतार-चढ़ाव भरी रही है। शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयरों में 12 % तक की गिरावट दर्ज की गई, हालांकि बाद में इसमें सुधार हुआ और यह आईपीओ मूल्य से लगभग 0.3 % ऊपर बंद हुआ है।

बता दें कि लेंसकार्ट, जिसे "शार्क टैंक इंडिया" के जज और उद्यमी पीयूष बंसल ने स्थापित किया था, ने अपने आईपीओ के जरिए 72.8 अरब रुपये यानी करीब 821 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस आईपीओ को निवेशकों ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी, और यह करीब 28 गुना ज्यादा सब्सक्राइब हुआ। संस्थागत निवेशकों की बड़ी भागीदारी से यह भारत के इस साल के सबसे चर्चित आईपीओ में से एक बन गया है।

गौरतलब है कि लेंसकार्ट के शेयर की कीमत इसके पिछले वित्त वर्ष की आय के मुकाबले 238 गुना तय की गई थी, जबकि बीएसई कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी इंडेक्स का औसत मल्टीपल केवल 42 के आसपास है। यही वजह रही कि कुछ वित्तीय विशेषज्ञों ने कंपनी के वैल्यूएशन को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। एंबिट कैपिटल ने अपने विश्लेषण में कंपनी पर ‘सेल’ की रेटिंग देते हुए कहा है कि मौजूदा स्तर पर शेयर कीमत को लंबे समय तक बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

वहीं, सोशल मीडिया पर भी इस आईपीओ के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर काफी बहस देखने को मिली है। डीएसपी एसेट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड ने सार्वजनिक रूप से अपने निवेश का बचाव करते हुए कहा कि लेंसकार्ट का बिज़नेस मॉडल मजबूत और विस्तार योग्य है, हालांकि उन्होंने यह भी माना कि डील “महंगी” जरूर है।

मौजूद जानकारी के अनुसार, इस लिस्टिंग के बाद लेंसकार्ट का मार्केट वैल्यू लगभग 70,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो कोलगेट-पामोलिव इंडिया, यूनाइटेड ब्रेवरीज, पेज इंडस्ट्रीज़ और पीएंडजी की एक भारतीय यूनिट जैसी स्थापित उपभोक्ता कंपनियों से भी अधिक है।

भारत इस समय दुनिया के सबसे सक्रिय आईपीओ बाजारों में से एक बन चुका है, जहां घरेलू निवेशक तेजी से जुड़ रहे हैं और पूंजी जुटाने की गतिविधियां बढ़ रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक भारतीय कंपनियों ने करीब 17 अरब डॉलर के आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाई है। आने वाले समय में ग्रो की पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स और डिजिटल पेमेंट्स कंपनी Pine Labs के बड़े आईपीओ भी बाजार में दस्तक देने वाले हैं, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ने की संभावना है।

कुल मिलाकर, लेंसकार्ट की लिस्टिंग ने न केवल भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में चर्चा पैदा की है, बल्कि यह भी दिखाया है कि देश का शेयर बाजार अब वैश्विक निवेशकों के लिए एक मजबूत और आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है।

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