रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, महामारी से पहले ही संकट में थी EMI में छूट का लाभ लेने वाली ज्यादातर कंपनियां

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल

कोविड-19 महामारी से प्रभावित कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को राहत के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में कर्ज की किस्त के भुगतान की छूट दी थी। हालांकि, ऐसे खातों पर ब्याज बढ़ता रहेगा, लेकिन इसे कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं डाला जाएगा।

मुंबई। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि ऋण की किस्त के भुगतान पर रोक की सुविधा का लाभ लेने वाली ज्यादातर कंपनियां कोविड-19 महामारी से पहले से संकट में थीं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इन कंपनियों की रेटिंग निवेश ग्रेड से नीचे की है। ऋण भुगतान छूट की अवधि सोमवार यानी आज समाप्त हो रही है। इसी दिन एजेंसी की से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने कर्ज भुगतान में छूट का लाभ लेने वाली गैर-वित्तीय क्षेत्र की 2,300 कंपनियों का विश्लेषण किया है। विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है कि इनमें से 75 प्रतिशत कंपनियों की रेटिंग निवेश ग्रेड से नीचे है। कोविड-19 महामारी से प्रभावित कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को राहत के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च में कर्ज की किस्त के भुगतान की छूट दी थी। हालांकि, ऐसे खातों पर ब्याज बढ़ता रहेगा, लेकिन इसे कर्ज भुगतान में चूक या डिफॉल्ट की श्रेणी में नहीं डाला जाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि पिछली कई तिमाहियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)त् की वृद्धि दर लगातार नीचे आ रही है। जनवरी-मार्च की तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही थी।

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क्रिसिल के नोट में कहा गया है कि चार में तीन कंपनियों की रेटिंग निवेश ग्रेड से नीचे की है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां महामारी से पहले से अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से संकट में थीं। नोट में कहा गया है कि ऋण भुगतान पर रोक से मध्यम आकार की निवेश ग्रेड से कम यानी बीबी प्लस या उससे नीचे की रेटिंग वाली कंपनियों को बेहद जरूरी नकदी समर्थन मिला। चार में से सिर्फ एक कंपनी ऐसी थी जिसकी रेटिंग निवेश ग्रेड की थी। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक सुबोध राय ने कहा, ‘‘महामारी से हालांकि सभी क्षेत्र प्रभावित हुए लेकिन कम बचाव क्षमता वाली कंपनियों ने इस छूट का लाभ अधिक लिया है।’’ नोट में कहा गया है कि बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों मसलन रत्न एवं आभूषण, होटल, वाहन कलपुर्जा, वाहन डीलर, बिजली, पैकेजिंग, पूंजीगत सामान और कलपुर्जा क्षेत्र की करीब 20 प्रतिशत कंपनियों ने ऋण भुगतान में छूट की सुविधा का लाभ उठाय। वहीं कम प्रभावित क्षेत्रों...फार्मास्युटिकल्स, रसायन, एफएमसीजी, द्वितीयक इस्पात और कृषि से जुड़ी सिर्फ 10 प्रतिशत कंपनियों ने ऋण भुगतान में छूट का लाभ लिया। एजेंसी ने कहा कि ऋण भुगतान में छूट का लाभ लेने में कारोबार के आकार की भी भूमिका रही। छोटी कंपनियों ने छूट का लाभ अधिक लिया। 300 करोड़ से 1,500 करोड़ रुपये के कारोबार वाली मध्यम आकार की ऋण छूट का लाभ लेने वाली कंपनियों की संख्या 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों का तीन गुना रही।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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