नारायणमूर्ति ने स्वच्छ ऊर्जा उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को सब्सिडी देने की वकालत की
इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि सरकार को गांवों में स्वच्छ ईंधन आधारित खाना पकाने के स्टोव जैसे उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को सब्सिडी देनी चाहिए।
नयी दिल्ली। इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि सरकार को गांवों में स्वच्छ ईंधन आधारित खाना पकाने के स्टोव जैसे उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को सब्सिडी देनी चाहिए। उन्होंने इस मौके पर लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने से अपनी मां को होने वाली परेशानी को भी याद किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी बड़ी आबादी के लिये बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, पोषण और स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान देना चाहिए।‘
ग्लोबल एलायंस फार क्लीन कूक स्टोव’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नारायणमूर्ति ने कहा, ‘‘अगर भारत जैसा देश वास्तव में महात्मा गांधी के सपने को पूरा करना चाहता है तब उसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और स्वच्छ ऊर्जा पर काम करना है।’’ इन्फोसिस के सह-संस्थापक ने यह भी कहा कि उन्होंने स्वच्छ ईंधन के अभाव में होने वाली समस्याओं को देखा है। उन्होंने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं निम्न मध्यम वर्ग से आता हूं। मेरे पिता हाई स्कूल में शिक्षक थे। हम आठ बच्चे थे। मेरे भाई-बहन और मैं अपनी मां को लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते देखता था। उन्हें खाना बनाने के लिये कड़ी मेहनत करनी होती थी।’’
नारायणमूर्ति ने कहा, ‘‘यह उनके लिये काफी थकाने वाला था। हमने उन्हें इसके कारण परेशान होते देखा है।’’उन्होंने कंपनियों के लिये सब्सिडी की वकालत की जो स्वच्छ ऊर्जा वाले चूल्हे जैसे उत्पाद बनाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में कंपनियां स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान नहीं दे रही।इसी कार्यक्रम में नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि सरकार ने अब तक तीन करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराये हैं और 2020 तक आठ करोड़ एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रौद्योगिकी में काफी भरोसा करते हैं और उन्होंने ओएनजीसी को बिजली चूल्हा बनाने की दिशा में काम करने को कहा है। कांत ने कहा, ‘‘दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी अभी भी खाना बनाने के लिये परंपरागत ईंधन पर निर्भर है और इससे घरों में वायु प्रदूषण फैलता है। यह एक दिन में 400 सिगरेट लेने के बराबर है।’
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