स्टार्ट-अप कोष के लिए इस बार बजट में प्रावधान नहीं
सरकार ने इंडिया ऐस्पेरेशन फंड के लिए वर्ष 2017-18 के बजट में एक रुपये का भी प्रावधान नहीं किया है। यह कोष नए विचारों के साथ नये कारोबार का विकास करने की पहल का हिस्सा है।
सरकार ने इंडिया ऐस्पेरेशन फंड (आईएएफ) के लिए वर्ष 2017-18 के बजट में एक रुपये का भी प्रावधान नहीं किया है। यह कोष नए विचारों के साथ नये कारोबार का विकास करने के लिए स्टार्ट-अप इंडिया पहल का हिस्सा है। चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान में इस कोष के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। संशोधित अनुमान में यह घटा कर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने स्टार्ट-अप उद्यमों की मदद के लिए आईएएफ के गठन की घोषण अगस्त 2015 में की थी। कोषों का कोष के रूप में पेश किए गए इस कोष का उद्येश्य सूक्ष्म, लघु और मझोली इकाइयों को शेयर पूंजी की आपूर्ति बढ़ाना था।
एलआईसी और सिडबी को इसमें भागीदार बनाया गया। इस वर्ष पेश बजट के दरस्तावेजों के अनुसार पहले साल 2015-16 में इस कोष के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। उसके बाद अगले वित्त वर्ष में इसमें 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जिसे संशोधित अनुमान में घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया। एक फरवरी को पेश किये गये 2017-18 के बजट में स्टार्टअप के लिये कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इस कोष की शुरुआत के समय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि इससे स्टार्ट आप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों में हजारों करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करने में मदद मिलेगी।
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