नए नोटों में संख्या देवनागरी में नहीं लिखी जाए: द्रमुक
राज्यसभा में आज द्रमुक के एक सदस्य ने 500 रूपये और 2000 रूपये के नए नोटों में संख्याएं लिखने के लिए देवनागरी का उपयोग किए जाने की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक बताया।
राज्यसभा में आज द्रमुक के एक सदस्य ने 500 रूपये और 2000 रूपये के नए नोटों में संख्याएं लिखने के लिए देवनागरी का उपयोग किए जाने की निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक बताया और मांग की कि नोटों में संख्याएं उसी तरह अंतरराष्ट्रीय नंबरों में लिखी जानी चाहिए जिस तरह से अन्य करन्सी नोटों में संख्याएं लिखी गई हैं। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए द्रमुक के तिरुचि शिवा ने उच्च सदन में कहा कि नए करन्सी नोटों में संख्याएं देवनागरी में लिखी गई हैं जो कि संविधान के विपरीत है।
उन्होंने संविधान के प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि करन्सी नोटों में केवल अंतरराष्ट्रीय संख्याकों का ही उपयोग किया जा सकता है। शिवा ने कहा कि संसद में कानून पारित होने के बाद ही नोटों पर देवनागरी में संख्यांक लिखे जा सकते हैं। लेकिन वर्तमान मामले में ऐसा नहीं किया गया है और 500 रूपये और 2000 रूपये के नए नोटों पर देवनागरी में संख्यांक लिखे हैं। द्रमुक सदस्य ने कहा कि हिंदी भाषी लोगों को प्राथमिकता दिए जाने से गैर हिंदी भाषी लोग स्वयं को अलग थलग महसूस करेंगे। शिवा ने कहा कि वह इस कदम की आलोचना करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि नए नोटों में अंतरराष्ट्रीय संख्यांकों का उपयोग किया जाए।
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