मनरेगा का लेखा-जोखा जनता के सामने रखे सरकार: पायलट

Pilot says Manrega''s account of public expenditure in public

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों के चलते बेरोजगारी बढ़ने और मनरेगा के कमजोर होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार की युवाओं व बेरोजगारों के प्रति संवेदनहीनता की कड़े शब्दों में निन्दा की है।

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों के चलते बेरोजगारी बढ़ने और मनरेगा के कमजोर होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार की युवाओं व बेरोजगारों के प्रति संवेदनहीनता की कड़े शब्दों में निन्दा की है। पायलट ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में मनरेगा में 300 लाख रूपये का बजट घटा दिया है जिसके कारण औसतन रोजगार प्रति परिवार 47.09 प्रतिशत पर आ गया है।

यहां जारी एक बयान में पायलट ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता के कारण 100 दिन का रोजगार पाने वाले कुल परिवारों में 95.16 प्रतिशत की कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिव्यांगों को मनरेगा के तहत् 46.52 प्रतिशत कम काम के अवसर मिले हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने महात्मा गॉंधी राष्ट्रीय नेशनल रोजगार गारण्टी योजना को लागू कर साल में 100 दिवस का गारंटी शुदा रोजगार देने का काम शुरू कर बेरोजगारी को कम किया था, परन्तु कांग्रेस सरकार की समस्त योजनाओं के प्रति पूर्वाग्रह रखने वाली भाजपा सरकार ने मनरेगा को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

पायलट ने कहा कि सरकार ने मनरेगा को कमजोर कर बेरोजगारी को बढ़ाया है जबकि यूपीए सरकार की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण हुआ था और महिलाएं आर्थिक रूप से संबल हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर स्पष्ट करना चाहिये कि मनरेगा के क्षेत्र में सरकार ने बजट का क्या उपयोग किया है और कितने मानव दिवसों का सृजन कर कितने लोगों को रोजगार दिया है? सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ मनरेगा का लेखा-जोखा जनता के सामने रखे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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