देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता : वित्त राज्य मंत्री

Bhagwat karad

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वह अभी नहीं बता सकते कि भविष्य में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

इंदौर| वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने शनिवार को कहा कि देश में चल रही निजी क्रिप्टोकरेंसी वैध नहीं है और भविष्य में इसकी वैधानिक स्थिति के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

कराड ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘भारत में (निजी) क्रिप्टोकरेंसी को रिजर्व बैंक या सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं दी गई है। क्रिप्टोकरेंसी देश में फिलहाल वैध नहीं है।

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वह अभी नहीं बता सकते कि भविष्य में निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाएगा या नहीं? उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सरकार के शीर्ष स्तर पर चर्चा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

कराड ने कहा,‘‘ऐसी खबरें हैं कि कुछ लोगों ने (निजी) क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है। लिहाजा क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से अर्जित लाभ पर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव हाल ही में पेश आम बजट में किया गया है।’’

वित्त राज्य मंत्री ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या वह जनता को आश्वस्त कर सकते हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा नहीं होगा?

उन्होंने कहा,‘‘नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल दीपावली पर पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क की दरों में क्रमश: पांच और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। तब प्रधानमंत्री ने देश के तमाम मुख्यमंत्रियों से आह्वान किया था कि वे भी पेट्रोलियम पदार्थों पर राज्यों के कर घटाएं।’’

कराड ने भाजपा के विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया,‘‘जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां तो (प्रधानमंत्री के आह्वान पर) पेट्रोल-डीजल पर कर घटा दिए गए।लेकिन गैर भाजपा शासित सूबों में पेट्रोलियम पदार्थों पर करों में कटौती नहीं की गई।’’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा शासित मध्यप्रदेश की तुलना में महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल के दाम बहुत ज्यादा हैं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पड़ोसी महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है।

कराड ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम बजट में प्रावधान करते हुए चीन से छाते सरीखी वस्तुओं के आयात पर कर बढ़ा दिया है ताकि ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ की परिकल्पना के तहत भारत के छोटे उद्यमों को प्रोत्साहित किया जा सके। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ‘‘आजादी के अमृत काल’’ में पेश बजट से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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