रिजर्व बैंक ने एनबीएफसी को एकल श्रेणी में मिलाया

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रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि एनबीएफसी को परिचालन में अधिक लचीलापन देने का फैसला किया गया है। विभिन्न श्रेणियों की एनबीएफसी में तालमेल बैठाने का कार्य गतिविधि के आधार पर नियमन के सिद्धान्त से किया जाएगा, बजाय इकाई द्वारा नियमन से।

मुंबई। रिजर्व बैंक ने गैर बैंकिंग ऋणदाताओं को परिचालन में अधिक लचीलापन उपलब्ध कराने के लिए उनके तीन स्तर के मौजूदा ढांचे को एकल श्रेणी बना दिया है। केंद्रीय बैंक ने यह भी फैसला किया है कि सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को मिले कर्ज अब क्रेडिट रेटिंग की तरह जोखिम भारांश वाला होगा। इसमें मूल निवेश कंपनियां शामिल नहीं हैं।

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रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है कि एनबीएफसी को परिचालन में अधिक लचीलापन देने का फैसला किया गया है। विभिन्न श्रेणियों की एनबीएफसी में तालमेल बैठाने का कार्य गतिविधि के आधार पर नियमन के सिद्धान्त से किया जाएगा, बजाय इकाई द्वारा नियमन से।

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संपत्ति वित्त कंपनियों, ऋण कंपनियों और निवेश कंपनियों को मिलाकर एनबीएफसी-निवेश एवं ऋण कंपनियां (एनबीएफसी-आईसीसी) बनाया गया है। 

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