जनवरी में थोक महंगाई दर में राहत, जनवरी में 2.31 प्रतिशत रहा WPI

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 की हेडलाइन मुद्रास्फीति में 91 आधार अंकों की गिरावट आई है और यह अगस्त 2024 के बाद साल-दर-साल सबसे कम मुद्रास्फीति है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति जनवरी 2025 में घटकर 2.31 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर 2024 में 2.37 प्रतिशत थी। खाद्य और ईंधन की कीमतों में नरमी से थोक मुद्रास्फीति में कमी आई। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख जारी रहा और जनवरी में यह पांच महीने के निचले स्तर 4.31 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण सब्जियों, अंडे और दालों की कीमतों में गिरावट थी।
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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.22 प्रतिशत और जनवरी 2024 में 5.1 प्रतिशत थी। पिछली निम्न मुद्रास्फीति अगस्त 2024 में 3.65 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अक्टूबर से गिरावट पर है। जनवरी में खाद्य टोकरी में मुद्रास्फीति 6.02 प्रतिशत थी, जो अगस्त 2024 के बाद सबसे कम थी जब यह 5.66 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 की हेडलाइन मुद्रास्फीति में 91 आधार अंकों की गिरावट आई है और यह अगस्त 2024 के बाद साल-दर-साल सबसे कम मुद्रास्फीति है।
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वहीं, जनवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई जो पांच महीनों का निचला स्तर है। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडों और दालों की कीमतों में कमी के कारण आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2024 में 5.22 प्रतिशत और जनवरी, 2024 में 5.1 प्रतिशत पर रही थी। इससे पहले सबसे कम मुद्रास्फीति अगस्त, 2024 में 3.65 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अक्टूबर से ही गिरावट पर है।
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