राज्यों का राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.3 % पर पहुंचेगाः रिपोर्ट
राज्यों का राजकोषीय घाटा 2017-18 में बढ़कर 3.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। इसके 2016-17 में 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने यह अनुमान लगाया है।
मुंबई। राज्यों का राजकोषीय घाटा 2017-18 में बढ़कर 3.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। इसके 2016-17 में 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने यह अनुमान लगाया है। इंडिया रेटिंग्स ने एक नोट में कहा, ‘‘राज्यों का कुल राजकोषीय घाटा 2017-18 में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में यह 3.2 प्रतिशत रहेगा।’’
नोट में कहा गया है कि राज्यों का जीडीपी से ऋण अनुपात अगले वित्त वर्ष में मामूली बढ़कर 24.3 प्रतिशत रहेगा, जिसके चालू वित्त वर्ष में 24 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2017-18 में राज्यों का बाजार से कर्ज बढ़कर 3,700 अरब रुपये पर पहुंचेगा, जिसके मौजूदा वित्त वर्ष में 3,500 अरब रुपये रहने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि महत्वपूर्ण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जुलाई, 2017 से क्रियान्वयन में आ जाएगा। इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद केंद्र द्वारा राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार की ओर से 500 अरब रुपये का मुआवजा पर्याप्त होगा।
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