आमंत्रण पेशकश मामले में दूरसंचार आयोग की दलील खारिज

[email protected] । Mar 24 2017 5:18PM

ट्राई ने इस दलील को खारिज कर दिया कि उद्योग की वित्तीय स्थिति में गिरावट और सरकार को मिले कम लाइसेंस शुल्क भुगतान के लिये मुफ्त आमंत्रण पेशकश की अनुमति जिम्मेदार है।

दूरसंचार नियामक ट्राई ने दूरसंचार आयोग की इस दलील को खारिज कर दिया कि उद्योग की वित्तीय स्थिति में गिरावट और सरकार को मिले कम लाइसेंस शुल्क भुगतान के लिये मुफ्त आमंत्रण पेशकश की अनुमति जिम्मेदार है। ट्राई दूरसंचार आयोग के 23 फरवरी के पत्र का जवाब इस आधार पर तैयार कर रहा है कि शुल्क और शुल्क आदेश पूरी तरह नियामक के दायरे में है और इसे उपभोक्ता हित के व्यापक संदर्भ में देखे जाने की जरूरत है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ट्राई कानून के तहत शुल्क ट्राई के दायरे में आता है। अगर शुल्क आदेश पर किसी को आपत्ति है, वे दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट के पास जाने को स्वतंत्र हैं।’’ ट्राई यह रूख अपना सकता है कि सरकार का मकसद केवल राजस्व अधिकतम करना है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘‘उच्च शुल्क से सरकार को लाइसेंस शुल्क से अधिक राशि जरूर प्राप्त होती लेकिन सामाजिक बाध्यता भी है। इसीलिय राजस्व में कमी को संकीर्ण नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसे नीति के व्यापक लक्ष्य और उपभोक्ता दीर्घकालीन हित को ध्यान में रखकर देखा जाना चाहिए।’’

रिलायंस जियो को मुफ्त पेशकश की अनुमति देने के रूख को सही ठहराते हुए सूत्र ने कहा, ‘‘ट्राई ने मामले में महान्यायवादी से राय मांगी थी और उनकी राय थी कि ट्राई का पेशकश को नहीं रोकने का फैसला सही था।’’

पिछले महीने अंतर-मंत्रालयी निकाय दूरसंचार आयोग ने ट्राई को लिखे पत्र में कंपनियों द्वारा ऋण चूक को लेकर आगाह किया था और नियामक से रिलायंस जियो जैसी कंपनियों को मुफ्त आमंत्रण पेशकश की अनुमति तथा शु्ल्क आदेश पर फिर से विचार करने को कहा था। तत्कालीन दूरसंचार सचिव जेएस दीपक ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा को पत्र लिखकर मुफ्त पेशकश से क्षेत्र की अन्य कंपनियों पर गंभीर वित्तीय प्रभाव पड़ा है। साथ ही इससे कंपनियों की स्पेक्ट्रम खरीद के लिये किस्तों का भुगतान तथा कर्ज की अदायगी समेत अनुबंधात्मक प्रतिबद्धता को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हुई है। पत्र में दीपक ने दूरसंचार आयोग की सरकार के राजस्व में कमी की प्रवृत्ति को लेकर चिंता का जिक्र किया है जिसका कारण मुफ्त पेशकश को लेकर दरों में कटौती की होड़ है। उल्लेखनीय है कि रिलायंस जियो ने वॉयस कॉल और डाटा के लिये मुफ्त पेशकश की है जो 31 मार्च को समाप्त होगी। दूरसंचार आयोग के पत्र में यह भी कहा गया था कि चालू वित्त वर्ष के लाइसेंस शुल्क संग्रह तिमाही आधार पर कम हो रहा है। पत्र के अनुसार, ‘‘यह संग्रह पहली तिमाही में 3,975 करोड़ रुपये, दूसरी तिमाही में 3,584 करोड़ रुपये तथा तीसरी तिमाही में 3,186 करोड़ रुपये रहा। चौथी तिमाही में इसमें 8 से 10 प्रतिशत और कमी आने की संभावना है..।’’

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