डेटा खपत बढ़ने से 4जी स्पेक्ट्रम खरीदने की मंशा रखती हैं दूरसंचार कंपनियां: सीओएआई

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सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि दूरसंचार कंपनियां डेटा खपत बढ़ने से 4जी स्पेक्ट्रम खरीदने की मंशा रखती हैं। इस नीलामी में सरकार करीब 3.8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 8,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4जी सेवाओं के लिए होता है।

नयी दिल्ली। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि डेटा की बढ़ती मांग को देखते हुये रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी दूरसंचार कंपनियां संभवत: प्रस्तावित नीलामी में 4जी स्पेक्ट्रम खरीदना चाहेंगी। सरकार अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी इस साल अक्टूबर में आयोजित करने की तैयारी कर रही है। इस नीलामी में सरकार करीब 3.8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 8,000 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी। इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4जी सेवाओं के लिए होता है।

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सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने इस बात का संकेत दिया है कि वे 4जी स्पेक्ट्रम खरीदने की इच्छुक हैं। इसकी वजह बढ़ती मांग और ट्रैफिक के रुख में बदलाव है।’’ हालांकि, इससे पहले सीओएआई ने दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय दबाव के मद्देनजर स्पेक्ट्रम नीलामी का विरोध किया था। सरकार ने पूर्व में हुई नीलामियों तथा नीलामी के आगामी दौर के लिए भुगतान की शर्तों में ढील दी है। पहले कंपनियों को नीलामी में खरीद गए स्पेक्ट्रम का भुगतान आठ किस्तों में करना होता था। अब इसे बढ़ाकर 16 किस्त कर दिया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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