गरीब विरोधी है IUC पर ट्राई की समीक्षा, PM मोदी के सपने को कर देगी चकनाचूर: Jio

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[email protected] । Oct 20 2019 5:53PM

ट्राई पर निशाना साधते हुए जियो ने कहा कि आईयूसी पर उसके रवैये से नियामक की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा। साथ ही दूरसंचार क्षेत्र के निवेशकों का भरोसा भी डगमगाएगा।

नयी दिल्ली। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने कहा है कि ट्राई द्वारा इंटरकनेक्शन प्रयोगकर्ता शुल्क (आईयूसी) की समीक्षा गरीब विरोधी है और यह प्रधानमंत्री की डिजिटल भारत की सोच के खिलाफ है। जियो ने आईयूसी को खत्म करने की समयसीमा से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ को मनमाना, प्रौद्योगिकी विरोधी, कानूनी रूप से कमजोर, अनुचित और गरीब विरोधी करार दिया। ट्राई पर निशाना साधते हुए जियो ने कहा कि आईयूसी पर उसके रवैये से नियामक की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा। साथ ही दूरसंचार क्षेत्र के निवेशकों का भरोसा भी डगमगाएगा। 

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इस बारे में ट्राई के परिचर्चा पत्र पर अपने जवाब में जियो ने दावा किया कि एक जनवरी, 2020 की क्रियान्वयन की तारीख में किसी तरह के बदलाव से मुफ्त कॉल का दौर समाप्त हो जाएगा और शुल्कों में इजाफा होगा। यह उपभोक्ता हित में नहीं होगा। किसी दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर अपने ग्राहक के कॉल को पूरा करने के लिए दूरसंचार आपरेटर को भुगतान करना पड़ता है। इसमे प्रतिद्वंद्वी नेटवर्कको आईयूसी देना पड़ता है जो फिलहाल छह पैसे प्रति मिनट है। 

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ट्राई द्वारा आईयूसी को समाप्त करने की समयसीमा को जनवरी, 2020 से आगे बढ़ाने के लिए समीक्षा की जा रही है। इस वजह से जियो ने अपने ग्राहकों पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगा दिया है। जियो ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के दृष्टकोण के मुताबिक डिजिटल ढांचा देश के हर नागरिक का हक है। कुछ दूरसंचार ऑपरेटर चाहते हैं कि पुराना पड़ चुका 2जी का नेटवर्क सदा बना रहे। और देश के 47 करोड़ से ज्यादा ग्राहक जो2जी नेटवर्क से जुड़े हैं डिजिटल क्रांति के लाभ से वंचित रह जाएं। 

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जियो ने कहा कि ट्राई द्वारा इस पर परिचर्चा पत्र जारी करना इन आपरेटरों के निहित स्वार्थों को बचाने का प्रयास है। जियो ने कहा कि कुछ ऑपरेटरों के पास 2जी नेटवर्क से 4जी में अपग्रेड नहीं करने के कई बहाने हैं। ये ऑपरेटर 2जी ग्राहकों से वॉयस कॉलिंग का शुल्क वसूलते हैं जबकि जियो के 4जी नेटवर्क पर यह नि:शुल्क है। खराब क्वालिटी और ऊंची कीमतों के डेटा की वजह से 2जी ग्राहक डिजिटल सोसायटी का हिस्सा भी नहीं बन पा रहे हैं। 

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