सिम सत्यापन के नए तरीके पर दूरसंचार कंपनियों की रूपरेखा को UIDAI की मंजूरी

UIDAI Approves Telco Blueprint on New SIM Re-Verification Modes

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार आधारित सिम के सत्यापन के लिए ओटीपी जैसे नए तरीकों को परिचालन में लाने की रूपरेखा को मंजूरी दे दी है।

नयी दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार आधारित सिम के सत्यापन के लिए ओटीपी जैसे नए तरीकों को परिचालन में लाने की रूपरेखा को मंजूरी दे दी है। आपरेटर मौजूदा ग्राहकों के सिम के पुन: सत्यापन के लिए नए तरीके एक दिसंबर से लागू करेंगे। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने कहा, ‘‘दूरसंचार कंपनियों की योजना को मंजूरी दे दी गई है। आपरेटर हमारे पास आए थे। उन्होंने इसे एक दिसंबर से क्रियान्वित करने की बात कही है।’

सरकार ने पिछले महीने ग्राहकों के मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने के तीन तरीकों की घोषणा की थी। इससे ग्राहकों को अपने घर से सिम के पुन: सत्यापन की सुविधा मिलेगी। इसके बाद आपरेटरों से अपनी रूपरेखा के साथ यूआईडीएआई से संपर्क करने को कहा गया था, जिससे वे अनुमति वाली नई प्रक्रियाओं को परिचालन में ला सकें और नई प्रणाली को क्रियान्वित कर सकें। हालांकि, इसके लिए पहले यूआईडीआई की मंजूरी जरूरी थी। पांडे ने कहा कि इस योजना पर विचार के बाद सुरक्षा, अनुपालन और आधार कानून तथा निजता के संरक्षण के पहलुओं को देखते हुए मंजूरी दी गई है।

नए मंजूर तरीकों के तहत मोबाइल नंबर को आधार से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), एप और आईवीआरएस के जरिये जोड़ा जा सकता है। इस उपाय का उद्देश्य समूची प्रक्रिया को सरल करना और लोगों के लिए इसे सुगम बनाना है। दूरसंचार कंपनी के स्टोर पर जाकर आधार के साथ मोबाइल नंबर को जोड़ने की सुविधा जारी रहेगी।

सरकार ने शारीरिक रूप से अक्षम, बीमार लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को यह सुविधा उनके घर के दरवाजे पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मोबाइल कंपनियों ने यूआईडीएआई को आश्वासन दिया है कि वे इस महीने के अंत तक ओटीपी आधारित सत्यापन की सुविधा शुरू कर देंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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