केंद्रीय इस्पात मंत्री ने जापन की इस्पात कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता दिया
प्रधान ने ट्वीट किया कि दाईदो स्टील कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधियों से तोक्यो में मिला। दाईदो दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात विनिर्माता कंपनियों में से एक है। यह उच्च कार्यक्षमता के इस्पात, चुंबकीय सामग्रियों, वाहन उद्योग और औद्योगिक उपकरणों के कलपुर्जों के क्षेत्र में भी काम करती है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को तोक्यो में जापान की तीन दिग्गज इस्पात कंपनियों निप्पॉन स्टील, दाईदो स्टील तथा जेएफई स्टील कॉरपोरेशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। प्रधान इस्पात उद्योग की आवश्यकता से अधिक उत्पादन क्षमता के वैश्विक मंच ‘ग्लोबल फोरम ऑन स्टील एक्सेस कैपिसिटी’ (जीएफएसईसी) के दो दिन के सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान की यात्रा पर हैं। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भी है। जापान की कंपनियां भारत के इस्पात क्षेत्र में निवेश की रुचि पहले से दिखा रही हैं। इसे देखते हुए प्रधान के साथ इन दो कंपनियों के अधिकारियों की मुलाकात का विशेष महत्व है।
Excellent meeting with the newly appointed Japanese Minister of Economy, Trade and Investment, H.E. Mr. Hiroshima Kajiyama in Tokyo. I congratulated him on his appointment and reviewed the ongoing engagements in the oil & gas and steel sectors. pic.twitter.com/P6aqa8fjsM
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 26, 2019
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प्रधान ने ट्वीट किया कि दाईदो स्टील कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधियों से तोक्यो में मिला। दाईदो दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात विनिर्माता कंपनियों में से एक है। यह उच्च कार्यक्षमता के इस्पात, चुंबकीय सामग्रियों, वाहन उद्योग और औद्योगिक उपकरणों के कलपुर्जों के क्षेत्र में भी काम करती है। इस कंपनी की भारत में अच्छी उपस्थिति है। प्रधान ने कहा कि उन्होंने इस कंपनी के साथ पहले से चल रहे सहयोग में विस्तार की संभावनाओं पर बातचीत की। इसमें उत्पादन के अच्छे तौर तरीकों की जानकारी के आदान प्रदान की बात भी हुई ताकि विनिर्माण की लागत कम हो सके।
Met with Minister of Industry and Natural Resources, H.E Mr. Bandar Al-Khorayef on the sidelines of G20 Global Forum on Steel Excess Capacity in Tokyo. Congratulated him on his appointment and briefly reviewed the cooperation with Saudi Arabia in the steel sector. pic.twitter.com/gWdlOtL4m4
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 26, 2019
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प्रधान ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि उन्होंने निप्पॉन स्टील कापोरेशन के अधिकारियों के साथ बातचीत में उन्हें भारत के विशाल बाजार की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के साथ देश में इस्पात का उपभोग बढ़ रहा है। उन्होंने ट्वीटर पर एक अन्य संदेश में कहा कि वह जेएफई स्टील कॉरपोरेशन के उपाध्यक्ष मासायूकी हिरोसे से मिले। उन्होंने जेएफई के अधिकारियों से कहा कि भारत इस समय इस्पात कंपनियों के लिए निवेश का सबसे अच्छा बाजार है। औद्योगिक अनुमानों के अनुसार भारत दुनिया में इस्पात की तीसरा सबसे बड़ा खपत करने वाला देश है। सरकार ने 2030 तक इस्पात की प्रति व्यक्ति वार्षिक औसत खपत 160 किलोग्राम तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। अभी यह खपत 61 किलोग्राम है जबकि विश्व औसत 208 किलोग्राम है।
India’s demand for steel shall be a driver of its capacity expansion.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) October 26, 2019
Our steel sector is deregulated and is driven by market forces. We do not contribute or suffer from excess capacity and are mindful and conscious of the problems, which originate from it. #GFSEC2019 pic.twitter.com/x0kjwxpFI3
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