बगैर गार्ड चलेंगी मालगाड़ियां, 1000 गार्डों की सेवा समाप्त होगी

[email protected] । Feb 14 2017 11:23AM

समर्पित मालगाड़ी गलियारा शुरू होने और गाड़ियों के अंतिम डिब्बे में गार्ड का काम करने में सक्षम एक यंत्र लगने के बाद मालगाड़ियों में गार्ड सेवा बीते समय की बात हो सकती है।

समर्पित मालगाड़ी गलियारा शुरू होने और गाड़ियों के अंतिम डिब्बे में गार्ड का काम करने में सक्षम एक यंत्र लगने के बाद मालगाड़ियों में गार्ड सेवा बीते समय की बात हो सकती है। एंड टू ट्रेन टेलीमेट्री (ईओटीटी) एक ऐसा यंत्र है जिसे मालगाड़ी के अंतिम डिब्बे में लगाया जाएगा और यह गार्ड का काम करेगा। समर्पित मालगाड़ी गलियारा निगम (डीएफसीसी) के प्रबंध निदेशक आदेश शर्मा ने बताया कि चालक ईओटीटी यंत्र के जरिए ट्रेन के परिचालन पर नजर रख सकेगा और इस काम के लिए अब गार्ड की जरूरत नहीं रह जाएगी।

डीएफसीसी का लक्ष्य इस यंत्र के इस्तेमाल से एक हजार गार्डों की सेवा समाप्त करना है। 3344 किलोमीटर लंबे ट्रैक की निगरानी के लिए आठ हजार 800 कर्मचारियों की ही जरूरत होगी। रेलवे एक साल में एक गार्ड पर करीब 12 लाख रुपए खर्च करती है जबकि ईओटीटी का खर्च पांच लाख रुपए आएगा। अगले दो वर्षों में इसके क्रियाशील हो जाने के बाद यह मालगाड़ी परिवहन क्षेत्र का रूप ही बदल देगा। शर्मा ने कहा कि मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 1003 क्रॉसिंगों को हटाने की योजना है।

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