नीतीश की शराबबंदी ने लोगों का बिहार छुड़ा दिया!

मनोज झा । Feb 23 2017 5:32PM

नीतीश जी अगर फिल्म और टीवी देखकर कोई खुदकुशी करता है तो क्या हम उस पर बैन लगा देंगे? क्या पटना के किसी इलाके में शाम को लूटपाट होगी तो आप शाम के वक्त लोगों का घरों से निकलना बंद करा देंगे?

मेरे एक मित्र बड़ी कंपनी में बड़े ओहदे पर हैं...उनका ताल्लुक बिहार से है लेकिन वो बिहार नहीं जाना चाहते। वजह है शराबबंदी। बड़े महानगर में रहने वाले हमारे मित्र को मदिरापान का शौक है लेकिन जबसे नीतीश ने शराबबंदी कानून लाया है उन्होंने बिहार से तौबा कर लिया है। 

एक मुख्यमंत्री लोगों की सेहत की चिंता करे ये अच्छी बात है...लेकिन कुर्सी का फायदा उठाकर वो अनाप-शनाप कानून बनाने लगे इसे कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता। पिछले हफ्ते नीतीश मंत्रिमंडल ने जिस संशोधन को मंजूरी दी है उसके बारे में सुनकर कई लोग हैरान रह जाएंगे। बिहार सरकार... शराबबंदी कानून में संशोधन कर ऐसा नियम लाने जा रही है जिसके बाद बिहार के सरकारी बाबू अब दुनिया के किसी कोने में शराब नहीं पी सकेंगे। नए कानून में अगर कोई अधिकारी बिहार से बाहर शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसके वेतन में कटौती हो सकती है...उसे सस्पेंड किया जा सकता है और तो और ऐसे अधिकारी को बर्खास्त भी किया जा सकता है।

नीतीश अपने दिल पर हाथ रख लोगों को बताएं...क्या बिहार में शराबबंदी के बाद शराब नहीं मिल रही? बस फर्क सिर्फ इतना है कि कल तक जो बोतल 250 रुपए में मिलती थी अब वो चोरी-छिपे 1200 रुपए में मिल रही है। अगर लोगों में जेल जाने का डर होता तो आए दिन बिहार के अलग-अलग शहरों में गाड़ियों से भारी मात्रा में शराब की बरामदगी नहीं होती।

नीतीश जी... गांधी के गुजरात में सालों से शराबबंदी है...लेकिन वहां भी पीने वाले अपना जुगाड़ ढूंढ ही लेते हैं...कोई पुलिसवाले को पैसा खिलाकर तो कोई दमन और दीव जाकर। हरियाणा में जब बंसीलाल मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने भी शराबबंदी कानून लाया था...लेकिन दो साल के भीतर उन्हें अपने फैसले को पलटना पड़ा था।

दिल्ली, राजस्थान, और यूपी से सटे हरियाणा के लोग राज्य से बाहर निकलकर दो घूंट लगा भी लेते थे और एक-दो बोतल गाड़ी के बोनट और सीट के नीचे छिपाकर अपने साथ ले भी आते थे। नीतीश जी आपकी सरकार तो 4 हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान झेलने को तैयार हो गई...लेकिन अपने पतियों के शराब में सारी कमाई बर्बाद करने से दर्द में जीने वाली महिलाओं से जाकर पूछिए...क्या उसकी परेशानी दूर हो गई ?

बिहार के मधुबनी, सुपौल और सहरसा जिले के लोग शराब पीने के लिए नेपाल का रुख कर रहे हैं...बेतिया और मोतिहारी के भी लोगों का यही हाल है...कोई सिर्फ शराब पीने के लिए ट्रेन से यूपी जा रहा है तो कोई झारखंड। अब आप ही बता दो आपका ये कानून कितना सफल रहा?

नीतीश जी अगर फिल्म और टीवी देखकर कोई खुदकुशी करता है तो क्या हम उस पर बैन लगा देंगे? क्या पटना के किसी इलाके में शाम को लूटपाट होगी तो आप शाम के वक्त लोगों का घरों से निकलना बंद करा देंगे? बुराई शराब में नहीं है...अगर आप जनता का भला चाहते हैं तो आप उन्हें जागरूक बनाएं...आपके पास कई माध्यम हैं...शराबबंदी से अगर अपराध में कमी आ जाती...तो फिर दुनिया के बड़े-बड़े देश इस पर कब का बैन लगा चुके होते। 

मेरी उम्र 18 साल से ऊपर है...मैं शादीशुदा हूं, एक बच्चे का पिता हूं..मुझे अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है...नीतीश जी...काश! आप इतनी सख्ती बिहार के विकास को लेकर दिखाते।

मनोज झा

(लेखक एक टीवी चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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