इल्हान उमर कितनी बार भी PoK चली जाएं, हकीकत यही है कि पूरा का पूरा कश्मीर भारत का है

Ilhan Omar
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जहां तक इल्हान उमर के राजनीतिक इतिहास की बात है तो आपको बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की सदस्य इल्हान उमर पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो अमेरिकी संसद के लिए निर्वाचित हुई हैं। इल्हान उमर ने साल 2019 में मिनिसोटा से चुनाव जीतकर इतिहास रचा था।

अमेरिकी कांग्रेस की महिला सदस्य इल्हान उमर बेहद संकीर्ण मानसिकता वाली नेता हैं। उनकी छोटी सोच वैसे तो अक्सर उजागर होती रहती है लेकिन अब वह अपनी पाकिस्तान यात्रा को लेकर लोगों के निशाने पर हैं। हमेशा चर्चा में रहने को आतुर इल्हान उमर ने अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां नये प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, राष्ट्रपति, नेशनल असेंबली के स्पीकर और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात कर अपने भारत विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाया। यही नहीं वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके भी जा पहुँचीं और भारत को लेकर कई आरोप लगाये। इल्हान उमर इससे पहले भी कई वैश्विक मंचों से भारत की आलोचना कर चुकी हैं और कहती रही हैं कि भारत में अल्पसंख्यकों पर जुल्म होते हैं। लेकिन इल्हान उमर के भारत पर लगाये जाने वाले आरोपों से खुद अमेरिका भी इत्तेफाक नहीं रखता।

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भारत ने किया पलटवार

हम आपको बता दें कि पाकिस्तान की चार दिवसीय यात्रा पर पहुँचीं इल्हान उमर अमेरिका के मिनिसोटा से सांसद हैं। सोमालिया मूल की इल्हान उमर अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान पीओके में उमर चकोठी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर पहुंचीं, जहां उन्हें 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने के लिए पाकिस्तान और भारत की सेनाओं के बीच नये समझौते के पूर्व और बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने उनकी (इल्हान उमर के) भारत के केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के एक इलाके में यात्रा की खबरों को देखा है जो अभी पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। उन्होंने कहा, ''मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि अगर कोई ऐसी नेता अपनी संकीर्ण मानसिकता को प्रदर्शित करती हैं, तब यह उनका काम है।’’ उन्होंने कहा कि लेकिन इस क्रम में हमारी क्षेत्रीय अखंडता एवं सम्प्रभुता का उल्लंघन होता है तब हम समझते हैं कि यह यात्रा निंदनीय है।

अमेरिका ने भी पल्ला झाड़ा

वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा, ''जहां तक मैं समझता हूं सांसद उमर की पाकिस्तान यात्रा अमेरिका सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है।' साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री के सचिव डेरेक चोलेट ने भी कहा कि इल्हान उमर निजी हैसियत से पाकिस्तान की यात्रा पर गयी थीं। इस लिहाज से देखा जाये तो अपनी इस यात्रा को लेकर इल्हान उमर अपने ही देश में अलग-थलग पड़ गयी हैं। भले पाकिस्तान यात्रा के दौरान इल्हान उमर की राहों में पाकिस्तानी नेताओं ने पलक-पांवड़े बिछा दिये हों लेकिन अमेरिकी सरकार उनके इस कदम को धिककार रही है। 

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पाकिस्तान में आया राजनीतिक तूफान

जहां तक इल्हान उमर की पाकिस्तान यात्रा की बात है तो उसके चलते पाकिस्तानी राजनीति में नया विवाद भी खड़ा हो गया है। अभी कुछ ही दिन पहले सत्ता से बाहर हुए इमरान खान ने आरोप लगाया था कि विदेशी ताकतों ने उनकी सरकार गिराई है। इमरान का साफ इशारा अमेरिका की ओर था। अब अमेरिकी सांसद से इमरान खान की मुलाकात पर वहां के सत्ताधारी गठबंधन के नेता उनसे पूछ रहे हैं कि जब अमेरिका ने आपके खिलाफ साजिश की थी तो आप उनके लोगों से मिल क्यों रहे हो? 

कौन हैं इल्हान उमर?

जहां तक इल्हान उमर के इतिहास की बात है तो आपको बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की सदस्य इल्हान उमर पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो अमेरिकी संसद के लिए निर्वाचित हुई हैं। इल्हान उमर ने साल 2019 में मिनिसोटा से चुनाव जीतकर इतिहास रचा था क्योंकि इस सीट से निर्वाचित होने वाली वह पहली अश्वेत महिला हैं। इल्हान उमर के बारे में बताया जाता है कि उनका जन्म सोमालिया में हुआ था लेकिन जब वह 8 साल की थीं तब गृहयुद्ध के कारण उन्होंने अपना देश छोड़ दिया था और अपने परिवार के साथ केन्या के शरणार्थी शिविर में चार साल रहीं। 1990 के दशक में जब उनका परिवार अमेरिका आ गया तबसे उनके मन में राजनीतिक क्षेत्र में जगह बनाने की ललक थी। इसी के चलते वह साल 2016 में पहले मिनिसोटा की प्रतिनिधि सभा के लिए निर्वाचित हुईं और तीन साल बाद अमेरिकी संसद के लिए चुन ली गयीं।

इल्हान उमर की विचारधारा क्या है?

इल्हान उमर का ट्विटर प्रोफाइल देखें या अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की वेबसाइट पर उनके प्रोफाइल पेज को देखें तो पता चलता है कि वह स्वतंत्रता और समानता की प्रबल पक्षधर हैं लेकिन असल में वह कट्टर इस्लामिक विचारधारा रखती हैं। बुरका और हिजाब की वह पक्षधर हैं और इस्लामोफोबिया के बारे में दलीलें पेश करती हैं। इल्हान उमर की अपने देश के नेताओं से भले नहीं बनती हो लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगन से उनकी खूब बनती है। दोनों के दोस्ताना संबंध जगजाहिर हैं। यही नहीं इल्हान उमर हर वो प्रयास करती हैं ताकि बाइडन प्रशासन के साथ भारत के संबंध खराब हो जाएं। कश्मीर का मामला हो या फिर भारतीय मुसलमानों से जुड़ा मामला हो, इल्हान उमर भारत पर निशाना साधने से गुरेज नहीं करतीं। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देने में तो वह हमेशा आगे रहती हैं। इल्हान उमर को इस बात का बड़ा शौक है कि पहले एजेंडा तैयार करो फिर माहौल बनाकर उसे आगे बढ़ाओ। इल्हान उमर के बारे में बहुत से मुस्लिम लेखकों ने ही लिखा है कि वह बेहद कट्टर विचारों की हैं और गैर मुस्लिमों से इसलिए सख्त नफरत करती हैं क्योंकि बचपन में ही उनके मन में जहर भर दिया गया था।

बहरहाल, इल्हान उमर के पीओके की यात्रा कर लेने और पाकिस्तानी नेताओं से मुलाकात कर लेने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि पूरी दुनिया जानती है कि पूरा का पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का है। जिस भाग पर अभी पाकिस्तान का कब्जा है उसे समय आने पर भारत वापस ले ही लेगा और कोई ताकत उसे ऐसा करने से नहीं रोक सकती। अभी तो एक इल्हान उमर हैं अगर अनेक इल्हान उमर भी पैदा हो जायें और हजार बार भी पीओके का दौरा कर वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दें तो भी कश्मीर की हकीकत को नहीं बदला जा सकता।

- नीरज कुमार दुबे

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