ढाई लाख से ज्यादा जमा कराए हैं तो ऑनलाइन वेरिफाई करें

[email protected] । Feb 13 2017 10:47AM

प्रभासाक्षी के लोकप्रिय कॉलम ''आर्थिक विशेषज्ञ की सलाह'' में इस सप्ताह जानें भारत सरकार के आयकर विभाग की ओर से जारी कुछ नए निर्देशों से संबंधित पाठकों के प्रश्नों के उत्तर।

पाठकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे हैं द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक व कंपनी सचिव श्री बी.जे. माहेश्वरी जी। श्री माहेश्वरी पिछले 33 वर्षों से कंपनी कानून मामलों, कर (प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष) आदि मामलों को देखते रहे हैं। यदि आपके मन में भी आर्थिक विषयों से जुड़े प्रश्न हों तो उन्हें [email protected] पर भेज सकते हैं।

प्रश्न-1. तीन लाख रुपए से ज्यादा के नगद लेनदेन पर रोक लगायी जा रही है लेकिन छोटे व्यापारियों को इससे बहुत मुश्किल आएगी। इस बारे में हम कैसे सफाई दे पाएंगे?

उत्तर- तीन लाख रुपये से ज्यादा के नगद लेनदेन पर रोक लगाये जाने वाले सरकारी आदेश के चलते आपके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। आपको इसका पालन करना ही होगा।

प्रश्न-2. सरकार ने कहा है कि आयकर रिटर्न में गलत सूचनाएं दिलवाने पर सीए के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यदि हमारी जानकारी के बिना सीए ने कोई गलत जानकारी भर दी है तो हम पर भी क्या कार्रवाई होगी?

उत्तर- आपके आयकर रिटर्न में सी.ए. द्वारा गलत जानकारी दिये जाने पर (बिना आपकी अनुमति के) आप पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।


प्रश्न-3. क्या एक अप्रैल से सभी बैंक नगद लेनदेन पर शुल्क लगाने वाले हैं?

उत्तर- नगद लेनदेन पर शुल्क लगाने को एचडीएफसी बैंक का निम्न प्रस्ताव है। यह बैंक-टू-बैंक भिन्न हो सकता है। निम्न शुल्क नगद जमा/निकासी दोनों को मिलाकर होगा। जोकि बचत खातों और वेतन खातों पर प्रस्तावित है। यह एक मार्च 2017 से प्रस्तावित है। 

- अधिकतम 2 लाख रुपए प्रतिमाह निकासी या जमा। होम ब्रांच पर।

-वेतन खाते                                               बचत खाते

4 निकासी मुफ्त                                     5 निकासी मुफ्त

5वीं निकासी से रुपए 150 तथा कर        छठी निकासी से रुपए 150 शुल्क तथा कर

-2 लाख रुपए से ज्यादा पर रुपए पांच प्रति 1000 या अंश पर, न्यूनतम रुपए 150 तथा कर।

-अन्य ब्रांच/नॉन होम ब्रांच

रुपए 25000- प्रति दिन निकासी मुफ्त

25000 रुपए से ऊपर रुपए पांच प्रति 1000 या अंश पर, न्यूनतम 150 रुपये तथा कर

-थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन

अधिकतम 25000 रुपए प्रतिदिन पर शुल्क रुपए 150 तथा कर

25000 रुपए से ज्यादा की अनुमति नहीं।

-वरिष्ठ नागरिक एवं माइनर बच्चों के खातों में 25000 रुपए प्रतिदिन की सीमा होगी किंतु शुल्क नहीं होगा।

प्रश्न-4. क्या एक से ज्यादा मेडिक्लेम पॉलिसी करवाई जा सकती है? और क्या सभी मेडिक्लेम पॉलिसी पर कर में छूट मिलती है?

उत्तर- एक से अधिक मेडिक्लेम पॉलिसी कराई जा सकती हैं एवं छूट अधिकतम कुल 25000 रुपए प्रीमियम भुगतान पर ही मिलेगी।


प्रश्न-5. आजकल कई कंपनियां अपना सिबिल स्कोर मुफ्त में जांचने के लिए लिंक भेजती हैं जबकि सिबिल की साइट पर स्कोर जानने के लिए फीस देनी पड़ती है ऐसे में क्या मुफ्त में स्कोर जानने की पेशकश करना धोखा है?

उत्तर- सिबिल स्कोर मुफ्त जांचने के लिए दिये जाने वाले लिंक पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न-6. सरकार ने कहा है कि नोटबंदी के बाद बैंक में जमा कराये पैसों को ऑनलाइन वेरिफाई करना होगा। क्या यह आदेश सभी के लिए है या फिर सिर्फ बड़ी रकम जमा कराने वालों के लिए?

उत्तर- नोटबंदी के बाद साधारणतः 2.50 लाख रुपए से अधिक जमा कराने पर ऑनलाइन वेरिफाई करना है। आप अपने अकाउंट में इनकमटैक्सइंडिया.गॉव.इन पर लॉगिन करके कम्प्लासन्स चैनल में कैश डिपॉजिट सेक्शन पर चेक कर सकते हैं।

प्रश्न-7. मैं अब तक सीए के जरिये आयकर रिटर्न जमा कराता रहा लेकिन इस बार मैं खुद यह करके देखना चाहता हूँ। इसके लिए क्या प्रोसेस करना होगा?

उत्तर- आईटीआर स्वयं फाइल करने के लिए आप इनकमटैक्सइंडिया.गॉव.इन पर स्वयं को रजिस्टर करें और बाद में आप अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं।

प्रश्न-8. आजकल आयकर विभाग और पीएफ संस्थान की ओर से मैसेज आता है जिसमें बताया जाता है कि आपकी कंपनी ने उक्त राशि का आयकर जमा कराया है ऐसे ही पीएफ संस्थान भी बताता है कि आपकी कंपनी ने उक्त राशि जमा करायी है। मैं यह जानना चाहता हूँ कि यह मैसेज सरकार की ओर से सही में भेजे जाते हैं और क्या इन पर कोई शुल्क भी लगता है?

उत्तर- आयकर विभाग और पीएफ संस्थान से मैसेज आने पर कोई शुल्क नहीं लगता है।

प्रश्न-9. मेरा जिस कंपनी के साथ डीमैट अकाउंट है वह हर छह महीने में केवाईसी दस्तावेज भेजने के लिए मुझे ईमेल भेजती है। क्या ऐसा करना अनिवार्य कर दिया गया है?

उत्तर- हर छह महीने के बाद केवाईसी दस्तावेज मांगना बिलकुल अनिवार्य नहीं है।


प्रश्न-10. किसी वस्तु को खरीदने पर क्रेडिट कार्ड पर जब उपभोक्ता को कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ता तो डेबिट कार्ड पर उपभोक्ता से चार्ज क्यों वसूला जाता है?

उत्तर- क्रेडिट या डेबिट कार्ड से खरीद पर कोई चार्ज नहीं वसूला जाना चाहिए। ऐसा करने पर उस बैंक में शिकायत करें।

नोटः कर से जुड़े हर मामले चूँकि भिन्न प्रकार के होते हैं इसलिए संभव है यहाँ दी गयी जानकारी आपके मामले में सटीक नहीं हो इसलिए अपने विशेषज्ञ की सलाह भी ले लें।

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