PM Swanidhi Yojana के जरिये रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी मिल रहा 50 हजार रुपए का लोन, सूदखोरों से मिली मुक्ति

PM Swanidhi Yojana
Prabhasakshi
कमलेश पांडे । Apr 6 2024 4:27PM

पीएम स्वनिधि योजना में सरकार 10,000 रुपए से लेकर 50,000 रुपए तक के लोन देती है। इस योजना में पहली बार 10,000 रुपए लोन मिलता है। दूसरी बार 20,000 रुपए और तीसरी बार में 50,000 रुपए तक का कर्ज दिया जाता है।

अब सब्जी का ठेला लगाने वाले, गोलगप्पे, टिकिया-चाट, चाऊमीन-नूडल्स और छोले-भटूरे का ठेला लगाने वालों को कर्ज लेने के लिए किसी सूदखोर की शरण में जाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत देश के 62 लाख से अधिक लाभार्थियों को 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक के ऋण मिल चुके हैं। निकट भविष्य में ये आंकड़े और अधिक बढ़ेंगे, कम नहीं होंगे।

ऐसा इसलिए कि जो सूदखोर छोटे-मोटे कारोबार करके अपना पेट पाल रहे मेहनतकश लोगों को भारी-भरकम ब्याज पर कर्ज देकर अपने कर्ज के जाल में उलझा लेते हैं। वैसे ही लोगों के कुचक्र से मुक्ति के लिए केंद्र सरकार पीएम स्वनिधि योजना नामक स्कीम लेकर आई है, जो उनके लिए मददगार साबित हो रही है। यह योजना छोटे-मोटे व्यापारी और रेहड़ी-पटरी लगाने वाले नागरिकों के लिए ही है, जिसके तहत उन्हें व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज मुहैया कराया जाता है। यह स्कीम बिना किसी गारंटी या शर्त के ऐसे जरूरतमंद लोगों को लोन देती है।

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# जानिए, पीएम स्वनिधि योजना क्या है?

पीएम स्वनिधि योजना में सरकार 10,000 रुपए से लेकर 50,000 रुपए तक के लोन देती है। इस योजना में पहली बार 10,000 रुपए लोन मिलता है। दूसरी बार 20,000 रुपए और तीसरी बार में 50,000 रुपए तक का कर्ज दिया जाता है। इस योजना में मिली लोन की राशि को 12 महीने  के भीतर वापस करनी होती है।

# प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत मिलती है ऋण सब्सिडी

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों को सस्ते ब्याज दर पर 50 हजार रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा, ब्याज सब्सिडी का लाभ भी दिया जाता है। यदि कोई आवेदक इस योजना के तहत लिए जाने वाले लोन को समय से पहले चुका देता है तो उसे 7 प्रतिशत तक की ब्याज सब्सिडी दी जाती है और किसी तरह की पेनल्टी भी नहीं देनी पड़ती है।

# समझिए, पीएम स्वनिधि योजना के पात्र हैं कौन-कौन से लोग

देश के छोटे और निम्न व्यापारी, रेहड़ी-पटरी और ठेले लगाने वाले लोग पीएम स्वनिधि योजना का लाभ ले सकते हैं। ये सभी इस योजना के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।  इस योजना का लाभ केवल छोटे और मध्यम स्तर का व्यापारी ही ले सकता है।

# प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लिए ऐसे करें आवेदन

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत आवेदन के लिए आपको किसी भी नजदीकी सरकारी बैंक में जाना होगा और पीएम स्वनिधि योजना के लिए आवेदन पत्र की मांग करनी होगी। उस आवेदन पत्र में मांगी गई सभी जानकारी आपको सही से दर्ज करनी होगी और सारे दस्तावेजों के साथ सबमिट करना होगा। आवेदन में आपको यह भी बताना होगा कि आप किस बिजनेस के लिए लोन ले रहे हैं।

इसके बाद आपके सभी दस्तावेजों की जांच होगी। यदि आपका सब कुछ सही पाया जाता है तो आपका लोन अप्रूव कर दिया जाएगा और कुछ समय में आपके खाते में लोन की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।

# पीएम मुद्रा लोन योजना से 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक के लें लोन

पीएम मुद्रा लोन योजना किसी भी नए कारोबार को शुरू करने के लिए है। यह योजना उन लोगों के लिए भी है, जो नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाना चाहते हैं। पीएम मुद्रा लोन योजना के माध्यम से 50,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन लिया जा सकता है। वहीं, इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन भी मिलता है, जिससे कोई भी सैलून, जिम, सिलाई शॉप  खोल सकता है। इसके तहत ई-रिक्शॉ, ऑटोरिक्शॉ चलाने वालों और रेहड़ी-पटरी वालों को भी लोन मिल रहा है।

# कारीगरों के लिए मददगार साबित हो रही है पीएम विश्वकर्मा योजना

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य देश में कारीगरों को आर्थिक मदद मुहैया कराना है। इस योजना के तहत कारीगरों को 15,000 रुपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसका उद्देश्य सभी पात्र कारीगरों को 5% की ब्याज दर पर 3 लाख रुपए तक का लोन दो किस्तों के माध्यम से देकर उन सभी कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है। बता दें कि इस योजना के जरिए बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कुम्हार, दर्जी, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले श्रमिकों का आर्थिक सशक्तिकरण किया जाएगा। कारीगरों को लोन दिलवा कर नई मशीन खरीदने में मदद की जाएगी।

दरअसल, विश्वकर्मा योजना में दो तरह के कौशल विकास कार्यक्रम हैं। पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी देने की व्यवस्था है। कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को 500 रुपए रोज या 15 हजार रुपए महीने के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। इस योजना के तहत तीन लाख रुपए तक का लोन मिलता है। हालांकि यह एक साथ नहीं मिलता है, बल्कि दो बार में मिलता है। पहली बार में लाभार्थी को एक लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है, जिसे लाभार्थी को 18 महीने में वापस करना होता है। तब जाकर दूसरी बार दो लाख रुपए लोन मिलता है, जिसे 30 महीने में वापस करना होता है।

- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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