जानिये इस सप्ताह के बड़े व्रत और त्योहार, ऐसे मिलेगी प्रभु की विशेष कृपा

vrat-and-tyohaar-of-february-last-week
[email protected] । Feb 25 2019 6:30PM

महर्षि दयानन्द सरस्वती महान समाज सुधारक और आधुनिक भारत के एक बड़े चिंतक थे। उन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सदैव वेदों की सत्ता को सर्वोपरि माना और कर्म सिद्धांत, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा संन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाया।

इस सप्ताह के व्रत एवं त्योहारों की बात करें तो सोमवार को शबरी जयन्ती, मंगलवार को जानकी जयन्ती और कालाष्टमी तथा गुरुवार को महर्षि दयानन्द सरस्वती एवं शनिवार को विजया एकादशी तथा रविवार को प्रदोष व्रत है। आइए डालते हैं इन सभी पर एक संक्षिप्त नजर।

इसे भी पढ़ें: इस बार मौनी अमावस्या आपके लिए लायी है सुखों का अद्भुत संयोग

25 फरवरी- शबरी जयंती

शबरी जयंती फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को मनायी जाती है। इस दिन शबरी की देवी स्वरूप में आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शबरी देवी की पूजा करने से वैसी ही विशेष कृपा मिलती है जैसी शबरी ने भगवान श्रीराम से प्राप्त की थी। 

26 फरवरी- जानकी जयन्ती

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि यही वह दिन था जब माता जानकी का जन्म मिथिला नरेश राजा जनक के यहाँ हुआ था। इस दिन माँ जानकी के पूजन से विशेष लाभ मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है।

26 फरवरी- कालाष्टमी

नारद पुराण में उल्लेख मिलता है कि कालाष्टमी के दिन माँ दुर्गा और कालभैरव की पूजा अर्चना की जानी चाहिए। इस दिन यदि आधी रात को माँ काली की उपासना की जाये तो विशेष सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।

28 फरवरी- महर्षि दयानन्द सरस्वती जयन्ती

महर्षि दयानन्द सरस्वती महान समाज सुधारक और आधुनिक भारत के एक बड़े चिंतक थे। उन्होंने 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सदैव वेदों की सत्ता को सर्वोपरि माना और कर्म सिद्धांत, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा संन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाया।

इसे भी पढ़ें: कुम्भ मेला में स्नान, दान और संतों के साथ सत्संग कर जीवन सफल बनाएं

02 मार्च- विजया एकादशी

भगवान विष्णु का स्नेह हासिल करना चाहते हैं तो एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। देखा जाये तो साल भर में 24 एकादशियां होती हैं और जब अधिकमास या मलमास आ जाये तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। जहाँ तक विजया एकादशी की बात है तो यह विजय प्रदान करने वाली है। आप कितने भी बड़े संकट में क्यों ना घिरे हों यदि आप विजया एकादशी का व्रत रखेंगे तो निश्चित ही समस्याओं और चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।

03 मार्च- प्रदोष व्रत

मान्यता है कि प्रदोष व्रत शिव कृपा प्रदान करने वाला है और यह अत्यंत मंगलकारी व्रत है। इस व्रत को करने से हर प्रकार के दोष से तो मुक्ति मिलती ही है साथ ही जीवन का कल्याण भी होता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़