द गाजी अटैक देखकर गर्व से भर उठेंगे आप भी

प्रीटी । Feb 20 2017 2:27PM

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''द गाजी अटैक'' इस वर्ष अब तक प्रदर्शित बेहतरीन फिल्मों में से एक है। बहुत दिनों बाद ''वॉर'' पर आधारित कोई अच्छी फिल्म आई है।

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'द गाजी अटैक' इस वर्ष अब तक प्रदर्शित बेहतरीन फिल्मों में से एक है। बहुत दिनों बाद 'वॉर' पर आधारित कोई अच्छी फिल्म आई है। दरअसल हालिया वर्षों में आई 'वॉर' आधारित फिल्मों में विषय के साथ न्याय नहीं हो पाया इसीलिए वह बॉक्स आफिस पर नहीं चलीं और निर्माताओं ने ऐसी फिल्मों पर पैसा लगाना बंद कर दिया। निर्माता करण जौहर ने हिम्मत दिखाते हुए 'द गाजी अटैक' पर पैसा लगाया और एक ऐसी सच्ची कहानी को दर्शकों के सामने पेश किया जिससे ज्यादातर लोग अनजान हैं। 

फिल्म की कहानी 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग से पहले समुद्र में पानी के नीचे लड़ी गयी जंग पर आधारित है। नवंबर 1971 में बांग्लादेश ईस्ट पाकिस्तान के तौर पर जाना जाता था और वहां पर पाकिस्तानी सेना के जुल्मों से लोग परेशान थे। इस बात को लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत भी चिंतित था लेकिन वहां पाकिस्तानी सेना के जुल्म बढ़ते ही जा रहे थे। उसी दौरान 17 नवंबर 1971 को भारतीय नौसेना के मुख्यालय में एक खुफिया जानकारी आती है कि पाकिस्तानी नौसेना ने बीच समुद्र में देश की रक्षा में तैनात भारत के सबसे बड़े समुद्री बेड़े आईएनएस विक्रांत पर हमले की तैयारी कर रखी है। अब भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी नंदा (ओम पुरी) इस सूचना की जांच के लिए एक टीम बनाते हैं और इसकी कमान पनडुब्बी एस 21 के कैप्टन रणविजय सिंह (के.के. मेनन) के साथ साथ लेफ्टिनेंट कमांडर अर्जुन (राणा दग्गुबाती) को सयुंक्त रूप से दी जाती है। समुद्र में तीन सौ मीटर नीचे जाकर इस टीम का मुकाबला पाकिस्तानी नौसेना की पनडुब्बी पीएनएस गाजी के साथ होता है। पानी के अंदर लड़ी गई जंग पर बनी यह फिल्म देखते वक्त आपको अपनी नौसेना पर गर्व होगा।

अभिनय के मामले में के.के. मेनन ने शानदार काम किया है। आपको उनका रोल लंबे समय तक याद रहेगा। अतुल कुलकर्णी भी अपने रोल में छा गये हैं। राणा दग्गुबाती का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। ओम पुरी ने भी बहुत अच्छा काम किया। उनका पिछले दिनों निधन हो गया इस लिहाज से यह उनकी अंतिम फिल्म साबित हुई। तापसी पन्नू का रोल छोटा रहा लेकिन उनका काम प्रभावी रहा। निर्देशक की खासियत यह भी रही कि उसने पात्रों के हिसाब से कलाकारों का चयन एकदम सटीक किया है। निर्देशक कहानी में बॉलीवुड मसाला डालने से बचे जिससे कहानी में बेकार के झोल नहीं हैं। करीब सवा दो घंटे की यह फिल्म आपको कई जगह भावुक भी करेगी और समुद्र के बीच पनडुब्बी के अंदर और बाहर की घटनाओं को इतने अच्छे ढंग से प्रस्तुत किये जाने को देखकर आप हैरान रह जाएंगे।

कलाकार- के.के. मेनन, राणा दग्गुबाती, ओम पुरी, तापसी पन्नू, अतुल कुलकर्णी और निर्देशक- संकल्प रेड्डी

प्रीटी

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