Child Care: इंफेक्शन होने पर बच्चों के गले में हो सकती है खराश, जानिए कैसे करें इसका इलाज
गले में खराश व दर्द को स्ट्रेस थ्रोट के नाम से भी जाना जाता है। यह बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो ग्रुप ए स्ट्रेप की वजह होती है। कुछ दवाओं से बैक्टीरियल इंफेकशन का इलाज किया जा सकता है। इसके साथ ही इससे बचने के लिए डॉक्टर कुछ सावधानियां बरतने को बताते हैं।
मानसून में बच्चे को इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों को सिर दर्द, खांसी, जुकाम, बुखार व गले में दर्द की समस्या देखने को मिलती हैं। मानसून में बच्चों को खासकर सर्दी-जुकाम और गले में खराश की समस्या हो सकती है। बता दें कि गले में खराश व दर्द को स्ट्रेस थ्रोट के नाम से भी जाना जाता है। यह बैक्टीरियल संक्रमण होता है, जो ग्रुप ए स्ट्रेप की वजह होती है। बैक्टीरिया मुख्य रूप से बच्चों और टिन्स को इंफेक्शन करता है।
कुछ दवाओं से बैक्टीरियल इंफेकशन का इलाज किया जा सकता है। इसके साथ ही इससे बचने के लिए डॉक्टर कुछ सावधानियां बरतने को बताते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चों के गले में खराश या दर्द होने पर क्या करें और इसके क्या कारण होते हैं।
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बैक्टीरियल इंफेक्शन
बच्चों में स्ट्रेप थ्रोट का मुख्य कारण ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया होता है। यह बैक्टीरिया इंफेक्टेड होता है। इससे संक्रमित व्यक्ति की खांसी और छींक से निकलने वाली सांस से इंफेक्शन फैलता है। भीड़ भरे माहौल जैसे स्कूलों या डेकेयर सेंटरों में बच्चे अक्सर बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं। इसलिए बच्चे को हाथ धोने के साथ खांसते या छींकते समय मुंह पर हाथ जरूर रखने की आदत डलवाएं।
कमजोर इम्यून सिस्टम
बता दें कि बच्चों में 5 से 15 साल की आयु में इम्यून सिस्टम डेवलप हो रहा है। ऐसे में बच्चों को इंफेक्शन की संभावना ज्यादा अधिक होता है। बच्चों की इम्यूनिटी बैक्टीरिया से लड़ने के लिए मजबूत नहीं होती है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण बदलते मौसम सर्दी-जुकाम में बच्चे गले में खराश जैसे कुछ संक्रमणों की चपेट में आ सकता है।
बैक्टीरिल ट्रांसमिशन
अक्सर ऐसे वातावरण में स्ट्रेप थ्रोट तेजी से फैलता है। जैसे बच्चे स्कूल और घर के संपर्क में ज्यादा होते हैं। यहां तक कि बर्तन, पेय या संक्रमित लोगों से बातचीत करने से भी बैक्टीरिया काफी आसानी से फैल जाता है। ऐसे में बच्चे को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने के लिए बच्चे को बीमार लोगों से दूर रखें। इसके साथ अन्य चीजों को इस्तेमाल करने से मना करें।
ऐसे करें बच्चे का इलाज
एंटीबायोटिक्स
इंफेक्शन होने पर बच्चों के गले में खराश व दर्द की समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में बच्चों के गले में सूजन की समस्या भी देखने को मिल सकती है। स्ट्रेप थ्रोट की वजह से कई बार कुछ बच्चे खाना नहीं खा पाते हैं। ऐसे में बच्चों को डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाएं देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर कुछ घरेलू टिप्स को भी फॉलो करने की सलाह देते हैं।
आराम करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
बैक्टीरिलय इंफेक्शन से लड़ने के लिए बच्चों के शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है। ऐसे में डॉक्टर बच्चों को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह देते हैं और पर्याप्त मात्रा में पानी पिए जानें की सलाह देते हैं।
नमक के गरारे
डॉक्टर बच्चे के गले में सूजन व दर्द की समस्या कम करने के लिए दिन में दो से तीन बार नमक के गुनगुने पानी से गरारे करने की सलाह देते हैं।
संक्रमित व्यक्ति से रहें दूर
बैक्टीरिलय इंफेक्शन से बच्चों को बचाने के लिए डॉक्टर उनको संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही बच्चों को बाहर से आने के बाद हाथ धोकर खाना खाने की सलाह देते हैं।
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