शरीर ही नहीं, मस्तिष्क पर भी असर डालता है कोविड−19, अध्ययन में हुआ खुलासा

corona brain
मिताली जैन । Jun 25 2021 12:33PM

कोरोना की पहली लहर के दौरान जहां सिरदर्द व बुखार जैसे लक्षण प्रमुखता से देखे गए थे, वहीं दूसरी लहर ने अपना असर फेफड़ों पर दिखाया और ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी व उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी।

इन दिनों कोरोना संक्रमण को मात देते के लिए टीकाकरण अभियान पूरे देश में जोरों−शोरों से चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, कोरोना पीडि़त व कोरोना से उबर चुके लोगों में कई लक्षण देखे जा रहे हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान जहां सिरदर्द व बुखार जैसे लक्षण प्रमुखता से देखे गए थे, वहीं दूसरी लहर ने अपना असर फेफड़ों पर दिखाया और ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी व उन्हें अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी। हालांकि, अब पता चला है कि यह संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों के साथ−साथ मस्तिष्क पर भी अपना विपरीत असर डालता है और इससे व्यक्तियों के दिमाग में सूजन और न्यूरोडीजेनेरेशन के लक्षण पाए गए। ऐसा एक अध्ययन में खुलासा हुआ। तो चलिए विस्तार पूर्वक जानते हैं इस बारे में−

इसे भी पढ़ें: कोरोना के बाद शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए अपनाएं यह टिप्स

क्या कहता है अध्ययन

स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन, यूएस और जर्मनी में सारलैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के जरिए यह निष्कर्ष निकाला कि कोविड−19 से मरने वाले व्यक्तियों के दिमाग में सूजन और न्यूरोडीजेनेरेशन के लक्षण पाए हैं, जो अल्जाइमर और पार्किसंस रोग जैसी स्थितियों से मरने वाले लोगों में देखे गए हैं। इतना ही नहीं, अध्ययन से भी यह पता चला कि ये शिकायतें कोविड−19 के अधिक गंभीर मामलों के साथ बढ़ती हैं, और "लंबे समय तक चलने वाले कोविड" के एक पहलू के रूप में भी बनी रह सकती हैं। यह SARS&CoV&2 के संक्रमण के बाद उत्पन्न होता है, जो वायरस कोविड−19 का कारण बनता है।

स्टैनफोर्ड के एक प्रोफेसर टोनी वाइस−कोरे बताते हैं कि कोविड−19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती लगभग एक−तिहाई व्यक्तियों में फजी सोच, भूलने की बीमारी, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और अवसाद के लक्षण देखे गए।

इसे भी पढ़ें: जानिए क्या होता है डी−डाइमर टेस्ट और कोरोना मरीज क्यों दे रहे हैं इस टेस्ट को प्राथमिकता

वाइस−कोरे ने कहा, "गंभीर कोविड −19 से मरने वाले रोगियों के दिमाग में सूजन के गहरे मॉलिक्यूलर मार्कर दिखाई दिए, भले ही उन रोगियों में न्यूरोलॉजिकल हानि के कोई नैदानिक संकेत नहीं थे।" हालांकि, वाइस−कोरे के समूह और अन्य लोगों द्वारा किए गए पिछले काम से पता चला है कि मस्तिष्क के बाहर रक्तजनित कारक ब्लड ब्रेन बैरियर के जरिए संकेत देकर मस्तिष्क के अंदर भड़काऊ प्रतिक्रियाओं को बढ़ा सकता है। वहीं, नेचर जर्नल में प्रकाशित नवीनतम अध्ययन में पाया गया कि मस्तिष्क में सभी प्रमुख प्रकार की कोशिकाओं में सैकड़ों जीनों के सक्रियण स्तर कोविड−19 रोगियों के दिमाग बनाम नियंत्रण समूह के दिमाग में भिन्न होते हैं। सेरेब्रल कॉर्टेक्स में न्यूरॉन्स में डिस्टेस के संकेत भी थे, मस्तिष्क क्षेत्र जो निर्णय लेने, स्मृति और गणितीय तर्क में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वाइस−कोर के अनुसार, यह वायरल संक्रमण पूरे शरीर में इन्फ्लेमेशन प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करता प्रतीत होता है जो ब्लड ब्रेन बैरियर में भी इन्फ्लेटरी सिगनिंगल का कारण बन सकता है, जो बदले में मस्तिष्क में न्यूरोइन्फ्लेमेशन को बंद कर सकता है।

मिताली जैन

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़