अफगानिस्तान को दोबारा आतंकवादियों का अड्डा नहीं बनने देंगे: अमेरिका
नाटो के महासचिव स्टोलनबर्ग ने पेंटागन से कहा कि नाटो अफगानिस्तान में अमेरिका के साथ है। उन्होंने कहा, हम तालिबान के साथ बातचीत का स्वागत करते हैं।
वाशिंगटन। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अफगानिस्तान में ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता युद्ध खत्म करने और यह सुनिश्चित करने की है कि गृह युद्ध से बर्बाद हुआ यह देश फिर कभी आतंकवादियों का अड्डा न बने। व्हाइट हाउस ने यह बयान अमेरिका की तालिबान से वार्ता को लेकर आ रहीं खबरों के बीच दिया है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैन्डर्स ने सोमवार को पत्रकारों को बताया, "हमारी प्राथमिकता अफगानिस्तान में युद्ध खत्म करने और यह सुनिश्चित करने की है कि वह दोबारा आतंकवादियों का अड्डा न बने।" उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है।
As US and Taliban appear closer to a peace deal, fears mount Trump could accept a fig leaf accord to allow a quick troop pullouthttps://t.co/POBFX1iApL @AFPgraphics on US troop deployment and death toll in Afghanistan since 2001 pic.twitter.com/CswwLcOLS0
— AFP news agency (@AFP) January 29, 2019
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी थी कि अमेरिका और तालिबान अफगानिस्तान में शांति के लिये सैंद्धातिक रूप से समझौते पर पहुंच चुके हैं। अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनेहन ने पेंटागन में पत्रकारों को बताया कि तालिबान के साथ हुई अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़लमय खलीलजाद की बातचीत उत्साहजनक रही। उन्होंने कहा कि पेंटागन को अफगानिस्तान से पूरी तरह सैनिकों की वापसी के लिये नहीं कहा गया है।
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नाटो के महासचिव स्टोलनबर्ग ने पेंटागन से कहा कि नाटो अफगानिस्तान में अमेरिका के साथ है। उन्होंने कहा, "हम तालिबान के साथ बातचीत का स्वागत करते हैं।" उन्होंने कहा कि खलीलजाद ने कुछ सप्ताह पहले इस संबंध में सभी गठबंधन साथियों को अवगत कराया था।
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