एमनेस्टी ने म्यामां पर रोहिंग्या के साथ नस्लभेदी व्यवहार करने का लगाया आरोप

Amnesty charged meman with Rohiniya for racist behavior

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या संकट की मुख्य वजह की जांच करनेवाली एक रिपोर्ट में कहा है कि म्यामां रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ नस्लभेदी व्यवहार कर रहा है।

यंगून। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या संकट की मुख्य वजह की जांच करनेवाली एक रिपोर्ट में कहा है कि म्यामां रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ नस्लभेदी व्यवहार कर रहा है। म्यामां में पैदा हुए रोहिंग्या संकट की वजह से 6,20,000 रोहिंग्या मुस्लिम अपना देश छोड़कर बांग्लादेश चले गए हैं। प्रकाशित एमनेस्टी की रिपोर्ट में वर्षों के अत्याचार को मौजूदा संकट की वजह बताया गया है।

एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य प्रायोजित इस अभियान ने रोहिंग्या मुस्लिमों की जिंदगी के हर पक्षों को दमघोंटू बना दिया है। मुख्य रूप से बौद्ध समुदाय वाले इस देश में उनकी जिंदगी 'बंदीगृह' में रहने जैसी हो गई है। संगठन की 100 पन्नों वाली यह रिपोर्ट दो साल में तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ जिस तरह का अत्याचार किया गया है वह 'मानवता के खिलाफ नस्लभेदी अपराध' के कानूनी दायरे में आता है।

एमनेस्टी की वरिष्ठ शोध निदेशक अन्ना निस्टेट ने कहा, 'रखाइन एक अपराध स्थल है। पिछले तीन महीने में सेना द्वारा चलाए गए हिंसक अभियान के पहले से चल रहा यह पुराना मामला है।' उन्होंने कहा, 'म्यामां के अधिकारियों ने रोहिंग्या महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को अलग-अलग कर दिया है और यह अमानवीय नस्लभेदी स्थिति है।'बांग्लादेश के शिविरों में रोहिंग्या मुस्लिमों की तकलीफदेह स्थिति से दुनिया भर में गुस्सा है क्योंकि अगस्त से अब तक म्यामां के रखाइन प्रांत से बांग्लादेश आए लोग वहां की सेना द्वारा की गई हत्याओं और बलात्कार की दिल दहला देनी वाली कहानियां सुना रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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