चीन ने बौद्ध भिक्षु रिनपोछे की मौत की खबरों को छुपाया, तिब्बतियों पर हो रहे अत्याचार का हुआ खुलासा

tibetan buddhist monk
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चीन ने एक लोकप्रिय तिब्बत के बौद्ध भिक्षु चोकत्रुल दावा रिनपोछे की मौत की खबरों को गुप्त रखने का प्रयास किया। चीनी अधिकारियों ने 86 वर्षीय रिनपोछे की मौत को गुप्त रखने का प्रयास किया। तिब्बती बौद्ध भिक्षु की मृत्यु से संबंधित सभी पोस्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटा दिए गए।

नयी दिल्ली। चीन की नापाक चालों को अक्सर खुलासा हो ही जाता है और इस बार को ड्रैगन ने बेहूदगी की हद पार कर दी है। आपको बता दें कि चीन ने एक लोकप्रिय तिब्बत के बौद्ध भिक्षु चोकत्रुल दावा रिनपोछे की मौत की खबरों को गुप्त रखने का प्रयास किया। बौद्ध भिक्षु चोकत्रुल दावा रिनपोछे ने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। लेकिन उनकी मौत की खबरों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया। 

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हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार चीनी अधिकारियों ने 86 वर्षीय रिनपोछे की मौत को गुप्त रखने का प्रयास किया। तिब्बती बौद्ध भिक्षु की मृत्यु से संबंधित सभी पोस्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटा दिए गए और उनके निधन की खबरों से संबंधित पोस्ट साझा करने वालों के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भक्तों को तिब्बती बौद्ध भिक्षु को अंतिम श्रद्धांजलि देने से रोक दिया गया और न ही भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त करने की अनुमति दी गई। तिब्बती बौद्ध भिक्षु के अनुयायियों के काफी ज्यादा अनुरोधों के बाद उनके पार्थिक शरीर को ल्हासा से नागचू के गदेन दरग्यलिंग मठ में शिफ्ट किया गया, जहां पर सिर्फ कुछ तिब्बतियों को ही श्रद्धांजलि अर्पित करने की अनुमति दी गई। जिसकी वजह से चीनी पुलिस और तिब्बतियों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। 

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिनपोछे का अंतिम संस्कार उनके मठ के कुछ ही भिक्षुओं की उपस्थिति में किया गया, जिनकी पहले अच्छी तरह से तलाशी ली गई थी। तिब्बत पर कब्जे के साथ ही चीन ने तिब्बतियों के साथ अन्याय और अत्याचार किए हैं और ऐसी घटना कोई पहली दफा नहीं हुआ है। इतना ही नहीं चीन के अत्याचारों के चलते काफी संख्या में तिब्बतियों ने दूसरे देशों में शरण ले ली।

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