सईद की हिरासत पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा
पाक अदालत ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद आतंकवाद निरोधी कानून के तहत नजर बंद रखने को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस भेजकर उससे जवाब मांगा है।
लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और चार अन्य लोगों को आतंकवाद निरोधी कानून के तहत नजर बंद रखने को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस भेजकर उससे जवाब मांगा है। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सरदार मोहम्मद शमीम खान की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ सईद की याचिका पर सुनवायी कर रही थी। अदालत ने पंजाब सरकार से इस संबंध में सात मार्च को जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवायी उसी दिन होनी है।
मुंबई हमले के मास्टर माइंड सईद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी कासिफ हुसैन और अब्दुल्ला उबैद ने मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील एके डोगर के माध्यम से याचिका दायर कर अपनी नजरबंदी को चुनौती दी है। सरकार ने सईद और जमात-उद-दावा तथा फलह-ए-इंसानियत के चार अन्य नेताओं को देश के आतंकवाद निरोधक कानून के तहत नजरबंद कर दिया थासईद और चार अन्य लोगों ने अपनी याचिका में कहा है कि गृहमंत्रालय के आदेश पर सरकार ने आतंकवाद निरोधक कानून 1997 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए 30 जनवरी से 90 दिनों के लिए उन्हें नजरबंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री चौधरी निसार ने दावा किया है कि सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों के तहत अपनी जिम्मेदारियां पूरी कर रही है। सभी ने अपनी याचिका में दावा किया है, ‘‘सरकार ने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान एक गुलाम और निर्भर देश है। लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल्ल सत्तार ईधी की भांती हम भी पिछले कई वर्षों से देश की सेवा कर रहे हैं।’'
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