जापान के ऐतिहासिक महल में लगी आग, विश्व धरोहर का बड़ा हिस्सा हुआ बरबाद
देश की सरकार ने इस स्थल को पुनिनिर्मित करने में हरसंभव मदद देने का संकल्प जताया है। यह परिसर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था जब स्मारक के नीचे जापानी सेना का मुख्यालय बनाया गया था। हालांकि बाद में पुरानी तस्वीरों के आधार पर मुख्य हॉल को पुननिर्मित किया गया।
तोक्यो। जापान के दक्षिणी द्वीप ओकिनावा में स्थित ऐतिहासिक महल में बृहस्पतिवार को आग लग गयी जिससे इस विश्व धरोहर स्थल के परिसर का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शूरी महल रयूकू साम्राज्य के समय में बने परिसर का मुख्य हिस्सा है और समझा जाता है कि करीब 1400 ईस्वी से इसका इस्तेमाल हो रहा है। मौजूदा ढांचे के अधिकतर हिस्से का पुनर्निर्माण मूल योजनाओं एवं पुराने महल की तस्वीरों के आधार पर किया गया। स्थानीय दमकल विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि दोपहर तक आग पर काबू पा लिया गया। उन्होंने बताया कि आग महल परिसर के 4,800 वर्ग मीटर (51,667 वर्ग फुट) से अधिक हिस्से में फैल गयी।
A fire ripped through #ShuriCastle on Japan's southern island of Okinawa earlier today. The UNESCO World Heritage site has lost its main hall and some other parts to the fire.
— CGTN (@CGTNOfficial) October 31, 2019
Here is how it looked like before the tragedy occurred, and how it is now pic.twitter.com/i3uuvOZKLo
नाहा दमकल विभाग के अन्य अधिकारी दैसुके फुरुगेन ने बताया कि सभी (तीन) मुख्य भवन जल गये और कुछ भी नहीं बचा। घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय दमकल के प्रवक्ता ने राष्ट्रीय प्रसारक ‘एनएचके’ को बताया कि आग को नियंत्रण में करना बहुत मुश्किल था। अभी यह साफ नहीं है कि आग किस वजह से लगी। आग लगने की सूचना अधिकारियों को रात करीब दो बजकर 40 मिनट पर मिली। हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। नाहा की मेयर मिकिको शिरोमा ने पत्रकारों को बताया कि इससे सुनकर मैं बेहद दुखी हूं। मैं वाकई में सदमे में हूं। हमने अपना प्रतीक खो दिया।
Tragedy struck this morning as major portion of the Shuri Castle complex in Naha, a historic symbol of Okinawa, burned to the ground. https://t.co/Mc7ulZrSBr pic.twitter.com/5igv8iRi0V
— The Japan Times (@japantimes) October 31, 2019
देश की सरकार ने इस स्थल को पुनिनिर्मित करने में हरसंभव मदद देने का संकल्प जताया है। यह परिसर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था जब स्मारक के नीचे जापानी सेना का मुख्यालय बनाया गया था। हालांकि बाद में पुरानी तस्वीरों के आधार पर मुख्य हॉल को पुननिर्मित किया गया। परिसर को 1992 में राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर फिर से खोला गया। यूनेस्को की वेबसाइट पर लिखा है कि इस जगह पर स्थित स्थल और स्मारक 500 साल के रयूकू साम्राज्य के इतिहास (12वीं-17वीं शताब्दी) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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