शहर में हरियाली मानसिक बीमारी को रोकती है

Greenery In Cities
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हरे भरे परिवेश में रहने से शारीरिकऔरमानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे शारीरिक गतिविधि कोबढ़ावा मिलता है, तनाव दूर होता हैऔर इलाके में सामाजिक बंधनमजबूत होते हैं।आरहुस विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने 1985 से 2015 तक केउपग्रह डेटा का उपयोग डेनमार्क के बचपन के घरों के आसपास हरियाली की जगह की मात्रा को मापने करने के लिए किया।

(क्रिस्टीन एंगमैन, आरहुस विश्वविद्यालय, कोपेनहेगन) कोपेनहेगन|  पेड़, घास और हरियाली मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के जोखिम को कम करती है। नगर योजनाकारों को यह सबक सीखने की जरूरत है। डेनमार्क के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, जो बच्चे पेड़ों, घास और हरियाली के बीच पलते हैं, उनमें बाद की जिंदगी में मानसिक बीमारी होने का खतरा कम रहता है।

इस अध्ययन में डेनमार्क के करीब 10 लाख लोग शामिल थे। इस निष्कर्ष की दिलचस्पी सहसंबंध में अधिक थी। बच्चे के लिए उपलब्ध हरित क्षेत्र की मात्रा से मानसिक स्वास्थ संबंधी खतरे का स्तर बदलता है। जैसे-जैसे अधिक लोग शहरों में जाते हैं और मानसिक स्वास्थ्य निदान बढ़ते दिखाई देते हैं। निष्कर्ष शहरी नियोजन के लिए प्रासंगिक हो सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 45 करोड़ से अधिक लोग मानसिक विकार से पीड़ित हैं औरइस संख्या के बढ़ने के आसार हैं। कुछ स्थानों पर, शहरी निवासियों में अपने ग्रामीण समकक्षों की तुलना में चिंता और मनोदशा संबंधी विकार विकसित होने का खतरा लगभग 50 प्रतिशत अधिक रहता है और सबसे अधिक शहरी माहौल में बड़े होने वाले बच्चों में ‘सिज़ोफ्रेनिया’ (एक तरह का मानसिक विकार) का खतरा 200 प्रतिशत अधिक होता है। प्रकृति के साथ संपर्क लंबे वक्त से बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के साथ जोड़ा जाता है - यही कारण है कि अस्पतालों के परिवेश अक्सर हरे भरे होते हैं।

माना जाता है कि हरे भरे परिवेश में रहने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इससे शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा मिलता है, तनाव दूर होता है और इलाके में सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं। आरहुस विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने 1985 से 2015 तक के उपग्रह डेटा का उपयोग डेनमार्क के बचपन के घरों के आसपास हरियाली की जगह की मात्रा को मापने करने के लिए किया।

डेनमार्क अपने नागरिकों का स्वास्थ्य डेटा संकलित करता है इसलिए शोधार्थी इस डेटा की तुलना कर सके कि क्या बच्चों में बाद के जीवन में 16 मानसिक विकारों में से कोई विकार विकसित हुआ या नहीं। सबसे ज्यादा हरे भरे स्थान से घिरे बच्चों में मानसिक विकार विकसित होने का सापेक्ष खतरा 55 प्रतिशत तक कम था-हालांकि शोधार्थियों ने सामाजिक आर्थिक स्तर और शहरीकरण एवं परिवार में मानसिक विकार के इतिहास को समायोजित किया था।

बच्चा जितना अधिक हरियाली वाले स्थान में रहेगा, उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब होने का जोखिम उतना ही कम होगा। बचपन में हरित स्थान अत्यंत अहम है और शहरी नियोजन में सभी उम्र के लोगों के लिए प्राकृतिक वातावरण तक पहुंच होना जरूरी है।

परिणाम वैज्ञानिक अध्ययनों का हिस्सा हैं, जिसमें पाया गया है कि हरियाली वाले स्थानों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। यह ज्ञान भविष्य के शहरी नियोजन का मार्गदर्शन कर सकते हैं - क्योंकि 2050 तक दुनिया की दो-तिहाई से अधिक आबादी के शहरों में रहने की उम्मीद है।

शहरी क्षेत्रों में अधिक प्राकृतिक वातावरण को शामिल करने से शहर के निवासियों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। 2012 से, विश्व बैंक ने 60 देशों में लगभग 100 परियोजनाओं में प्रकृति-आधारित समाधानों का समर्थन किया है और उसने 2019-20 में 1.18 अरब डॉलर का आवंटन किया है। यूरोपीय संघ अपने ‘होराइज़न्स’ 2020 कार्यक्रम के माध्यम से ऐसी परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध करा रहा है।

स्थानीय दृष्टिकोण और संदर्भ भी अहम हैं। हरित क्षेत्र और मानसिक स्वास्थ्य पर मौजूदा अध्ययन मुख्य रूप से विकसित अर्थव्यवस्थाओं के हैं, इसलिए वे विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लागू नहीं हो सकते हैं। निर्णय लेने में स्थानीय समुदायों को शामिल करने से मदद मिलेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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