अभी भी धड़क रहा अफगानिस्तान का दिल 'पंजशीर', अहमद मसूद के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शन

National Resistance Front

भले ही अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार हो लेकिन वहां का दिल अभी भी धड़क रहा है। अहमद मसूद के नेतृत्व वाली नॉर्दन एलायंस की रेजिस्टेंस फोर्स के लड़ाके अभी भी पहाड़ियों पर मौजूद हैं।

काबुल। तालिबान ने पंजशीर पर कब्जे का दावा करने के बाद नई सरकार का ऐलान किया। इस सरकार में अफगानियों और महिलाओं को जगह नहीं मिली बल्कि इसमें हक्कानी ग्रुप के 4 कमांडरों को शामिल किया। भले ही अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार हो लेकिन वहां का दिल अभी भी धड़क रहा है। अहमद मसूद के नेतृत्व वाली नॉर्दन एलायंस की रेजिस्टेंस फोर्स के लड़ाके अभी भी पहाड़ियों पर मौजूद हैं।

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आजादी से जिएंगे लड़ाके !

रेजिस्टेंस फ्रंट नामक ट्विटर हैंडल ने दो बच्चियों के साथ अपने एक लड़ाके की तस्वीर साझा की। जिसमें उन्होंने लिखा कि पंजशीर में रेजिस्टेंस फोर्स की रातें, वे पहाड़ों में आजादी के साथ रहेंगे लेकिन तालिबान के अधीन नहीं। अल्लाह ही हमारी मदद करें, हम किसी से उम्मीद नहीं रखते।

हाल ही अहमद मसूद ने अफगानिस्तान के लोगों से तालिबान के खिलाफ खड़े होने की अपील की थी। जिसके बाद उनके समर्थन में अलग-अलग मुल्कों में प्रदर्शन होने लगे। उन्होंने कहा था कि रेजिस्टेंस फोर्स के लड़ाके पंजशीर में मौजूद हैं और तालिबान से लोहा लिया जा रहा है। 

तालिबानी सरकार को न दें मान्यता

अहमद मसूद ने दुनिया के तमाम मुल्कों से अपील की थी कि तालिबानी सरकार को मान्यता न दें। आपको बता दें कि अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह तालिबान को मान्यता नहीं देने वाला है। इसी बीच अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्कों ने पाकिस्तान के नेतृत्व में एक मीटिंग की थी। जिसमें अफगानिस्तान के भविष्य पर चर्चा हुई। पाकिस्तान और चीन उन्हीं मुल्कों में से हैं, जो तालिबानी सरकार को मान्यता दिलाने के लिए दूसरे मुल्कों से बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं। 

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जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन

तालिबान के खिलाफ और अहमद मसूद के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अफगानी एकजुट हो रहे हैं। पाकिस्तान, ईरान, अमेरिका और इंग्लैंड में प्रदर्शन हुए। नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान ने ट्वीट किया कि हमारे हजारों बहादुर लोगों ने एनआरएफ नेता के राष्ट्रीय विद्रोह के आह्वान के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए लंदन में विरोध प्रदर्शन किया। अफगानिस्तान के लिए न्याय और स्वतंत्रता की आवाज पृथ्वी के चारों कोनो से सुनी जा सकती है।

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