जयशंकर ने जी20 में कहा, कोविड की चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक तीन करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि चार लाख लोग इस महामारी की वजह से जान गंवा चुके हैं।
मटेरा (इटली)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी द्वारा मिल रही चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है। जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक को यहां संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “वो चाहे टीका, दवा, पीपीई किट या ऑक्सीजन हों, कोविड की चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है। ज्यादा की जरूरत है, कम नहीं।” उन्होंने कहा, “संस्थागत बहुपक्षवाद की कमी पाई गई। सुधारों के कई स्वरूप हो सकते हैं किंतु फौरी परीक्षा सभी को समान रूप से टीका देने की है। वास्तविक अर्थव्यवस्था को विनिर्माण, खाद्य और स्वास्थ्य समेत विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण की जरूरत है। समानांतर लचीली आपूर्ति श्रृंखला विकसित होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “हमारे ग्रह की पूर्ण विविधता को वैश्विक नीति निर्माण में सटीक तौर पर परिलक्षित होना चाहिए।”
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अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक तीन करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि चार लाख लोग इस महामारी की वजह से जान गंवा चुके हैं। वहीं दुनिया भर में संक्रमण के 18 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि करीब 40 लाख लोगों की इससे जान गई है। अपने दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में जयशंकर जी20 मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने यूनान से इटली पहुंचे थे। जी20 शिखर सम्मेलन अक्टूबर में इटली में होना निर्धारित है। भारत के 2022 में जी20 की अध्यक्षता करने की उम्मीद दै। जी20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाने वाला एक प्रभावशाली समूह है। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, भारत, इंडोनेशिया, इटली, मैक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ जी20 के सदस्य देश हैं।
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