Israel के रक्षा मंत्री ने न्यायिक सुधार को रोकने का आह्वान किया

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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के मंत्री का यह बयान सार्वजनिक रूप से उनके प्रति लोगों के असंतोष को व्यक्त करता है। गैलेंट ने विपक्ष के साथ बातचीत की आवश्यकता का हवाला देते हुए नेतन्याहू के गठबंधन को यहूदी त्योहार फसह की छुट्टी के बाद तक इंतजार करने को कहा। यह छुट्टी पांच अप्रैल से शुरू होगी।

इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन की धुर दक्षिणपंथी सरकार की विवादास्पद योजना को शनिवार को तत्काल और अस्थायी रूप से रोकने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के मंत्री का यह बयान सार्वजनिक रूप से उनके प्रति लोगों के असंतोष को व्यक्त करता है। गैलेंट ने विपक्ष के साथ बातचीत की आवश्यकता का हवाला देते हुए नेतन्याहू के गठबंधन को यहूदी त्योहार फसह की छुट्टी के बाद तक इंतजार करने को कहा। यह छुट्टी पांच अप्रैल से शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि वह चिंतित हैं कि न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन करने की योजनाएं देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं। इस योजना ने इजराइल के इतिहास में सबसे बड़े विरोध आंदोलन को जन्म दिया है। इसके खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा कि वह इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। इजराइल की संसद ने बृहस्पतिवार को न्यायपालिका में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए प्रस्तावित कई विवादित कानूनों में से पहले कानून को पारित कर दिया।

संसद से उक्त कानून ऐसे समय में पारित हुआ है, जब सड़कों पर इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि देश इससे अधिनायकवाद की ओर बढ़ेगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने विधेयक को मंजूरी दी, जो भ्रष्टाचार और हितों से टकराव के मामले में सुनवाई का सामना कर रहे इजराइली नेता को शासन करने से अयोग्य करार दिए जाने से बचाएगा।

आलोचकों का कहना है कि यह कानून नेतन्याहू के लिए बनाया गया है और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा और न्यायपालिका में बदलाव को लेकर जनता के बीच खाई और चौड़ी होगी। कानूनी बदलावों को लेकर देश दो धड़ों में बंट गया है। एक वर्ग का मानना है कि नयी नीतियां इजराइल को उसके लोकतांत्रिक मूल्यों से दूर कर रही हैं, जबकि दूसरे धड़े का कहना है कि उदार न्यायपालिका सीमा से परे जाकर देश चला रही है। न्यायपालिका में बदलाव संबंधी सरकार की योजना से देश 75 साल में पहली बार सबसे बुरे लोकतांत्रिक संकट से घिर गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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