फ्रांस-रूस के साथ मोदी ने की गजब की डील, भारत की दुश्मनी से खौफ में ट्रंप!

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अभिनय आकाश । Nov 29 2025 12:52PM

2025 तक उसे पूरा हो जाना था लेकिन अब उम्मीद है कि 2030 तक वो पूरा होगा और अमेरिका ने कहा है कि महीने में वो दो इंजन देगा। लेकिन उस वादे पर भी अमेरिका खरा नहीं उतरा है। ऐसे में भारत ने फ्रांस के साथ एक ऐसी डील की है जिसमें भारत में ही इंजन बनाया जाएगा।

भारत ने अपना तेजस मार्क वन मार्क टू बनाने का प्रोग्राम बनाया है। यहां तक कि फिफ्थ जनरेशन बनाने का भी प्रोग्राम चल रहा है। लेकिन इसके लिए भारत को अमेरिका की कंपनी जेई पर निर्भर रहना पड़ रहा है। जिससे भारत को 404 और 414 टाइप इंजन लेना है। लेकिन अमेरिका का जब भी मन करता है वह एक इंजन दो इंजन दे देता है। जब उसका मन करता है वो उसमें रुकावटें पैदा करता है। इसी वजह से हमारा जो तेजस का प्रोग्राम है वो पूरा नहीं हो पा रहा है। 2025 तक उसे पूरा हो जाना था लेकिन अब उम्मीद है कि 2030 तक वो पूरा होगा और अमेरिका ने कहा है कि महीने में वो दो इंजन देगा। लेकिन उस वादे पर भी अमेरिका खरा नहीं उतरा है। ऐसे में भारत ने फ्रांस के साथ एक ऐसी डील की है जिसमें भारत में ही इंजन बनाया जाएगा।

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राफेल का प्रोडक्शन होगा। इंजन का प्रोडक्शन होगा और पूरी तरीके से ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी होगा। राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन और फ्रांस को कई देशों से ऑफर मिल रहे हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने 17 नवंबर को राफेल डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इस डील के तहत फ्रांस अगले 10 सालों में यूक्रेन को 100 राफेल फाइटर जेट सौंपेगा। इस साल अक्टूबर में डसॉल्ट ने 300वां राफेल फाइटर जेट बनाया है। जबकि इस साल के अंत तक राफेल के लिए फ्रांस और भारत, मिस्र, कतर, ग्रीस, क्रोएशिया, UAE, सर्बिया और इंडोनेशिया जैसे एक्सपोर्ट कस्टमर्स के साथ 533 ऑर्डर होंगे। हालांकि, भारत के साथ डील अभी तक तय नहीं हुआ है। लेकिन भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को 114 राफेल फाइटर जेट खरीदने के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसके साथ-साथ ही जो F6 एसयू 57 रूस से हम ले रहे हैं उसका भी फुल टेक्नोलॉजी देने के लिए तैयार है। साथ में हैमर मिसाइल भी सैफरन मिलकर बनाने के लिए तैयार है। फ्रांस मिलकर भारत के साथ बनाने के लिए तैयार हैं।

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कोई देश अभी तक ऐसा ऑफर नहीं दे सका है। 100% टेक्नोलॉजी ऑफ ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ पार्ट्स भी भारत में बनेंगे जो पूरी तरीके से इंडियन मेड होगा। M88 इंजन जो राफेल में लगता है उसकी असेंबली लाइन भी भारत में लगेगी और आगे चलकर इसके कंपोनेंट्स भी भारत में बनेंगे। साथ में प्राइवेट सेक्टर्स की भी इसमें एंट्री हो सकती है। जैसे टाटा, एलएनटी, अडानी भी इसमें अपना उनको भी रोल मिलेगा। बाकी जो काम 10 साल में होना था अगर प्राइवेट सेक्टर इसमें आता है तो 5 साल में ये पूरा हो सकता है। 2035 तक प्रोडक्शन शुरू होने का टारगेट है। तेजस में जो दिक्कत है जीई F404 F414 इंजन की सप्लाई में अमेरिका बार-बार अड़ंगा डालता है। इस वजह से इसका प्रोग्राम लेट हो रहा है।

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ऑपरेशन सिंदूर में हैमर ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। हैदराबाद में दुनिया की सबसे बड़ी सीएफएम लीप और M88 इंजन की एमआरओ फैसिलिटी शुरू होगी। 240 मिलियन यूरो इसमें निवेश किए जाएंगे। राफेल के इंजन अब भारत में ही सर्विस भी होंगे। भारत अब रूस से और पांच स्क्वाडन S400 मांग रहा है जिसके लिए ₹10,000 करोड़ का डील हो सकता है क्योंकि पुतिन अगले महीने भारत आने वाले हैं। यह पुराना आर्डर भी अब पूरा किया जाएगा। 

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