बीच समुंदर में पहली बार उतरा पीएम मोदी का काफिला, वजह जानकर चीन के उड़ गए होश!

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अभिनय आकाश । Jul 28 2025 3:42PM

सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि मालदीव के जिस माले में भारतीय सेना की मौजूदगी का मुद्दा बनाकर मोहम्मद मुइज्जू ने इंडिडा आउट का कैंपेन चलाया। फिर उसी मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी को अपनी ही सेना की परेड दिखाई। अपने रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग पर पीएम मोदी की बड़ी तस्वीर लगाई। इसी को वक्त का पहिया कहते हैं।

समुद्र की लहरों को चीरते हुए पीएम मोदी की यार्ट आगे बढ़ती है। वहीं उनकी सिक्योरिटी में कमांजोड और स्पेशल सिक्योरिटी ऑफिसर्स की जहाजें भी साथ साथ चल रही होती हैं। समुद्र में आगे बढ़ते पीएम मोदी के काफिले की तस्वीरें लोगों को हैरान करने के लिए काफी है। दरअसल, ये तस्वीरें मालदीव की राजधानी माले से आईं हैं। मालदीव के माले में जिस वक्त पीएम मोदी का काफिला समुद्र में आगे बड़ रहा था। पीएम मोदी माले के रिपब्लिक स्कायर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए धमाकेदार स्टाइल में निकले। सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि मालदीव के जिस माले में भारतीय सेना की मौजूदगी का मुद्दा बनाकर मोहम्मद मुइज्जू ने इंडिडा आउट का कैंपेन चलाया। फिर उसी मोहम्मद मुइज्जू ने मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी को अपनी ही सेना की परेड दिखाई। अपने रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग पर पीएम मोदी की बड़ी तस्वीर लगाई। इसी को वक्त का पहिया कहते हैं। 

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वैसे आपको बता दें कि पीएम मोदी का मालदीव दौरा बेहद ही सफल रहा। भारत और मालदीव के बीच आठ समझौतोें पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव के बीच गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध हैं। हालाँकि, मालदीव के नेतृत्व में राजनीतिक बदलावों और क्षेत्र में विदेशी प्रभाव को लेकर चिंताओं के कारण हाल ही में संबंधों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने और सुदृढ़ करने के नए प्रयासों का संकेत है। दोनों देश राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, ऐसे में क्षेत्रीय शांति और सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि को एक समयोचित और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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मालदीव की आंखों पर चीन, तुर्की और पाकिस्तान ने जो पट्टी बांध रखी थी। वो शायद छोड़ी हटी है। आपको बता दें कि मालदीव की लोकेशन उसे भारत के लिए एक ताकत भी बनाती है और एक बड़ा खतरा भी। मालदीव इसी तरह से दोस्ती की बात करता रहा तो ठीक है। लेकिन अगर फिर से वो चीन और पाकिस्तान के चक्कर में पड़ा तो इस बार भारत ने भी एक होश उड़ा देने वाला प्लान तैयार कर रखा है। भारत मालदीव के पास अपने लक्ष्यद्वीप में एक बहुत बड़ा और रणनीतिकपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार लक्ष्यद्वीप के बित्रा द्वीप का अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप, मलक्का जलडमरूमध्य, अदन की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य के बीच समुद्री व्यापार मार्गों के बीच रणनीतिक रूप से स्थित है। लक्षद्वीप में भारत की नौसेना और तटरक्षक बल की मज़बूत उपस्थिति है। हालाँकि, बंदरगाहों और अफ्रीकी देश जिबूती में एक अड्डे जैसे बुनियादी ढाँचे में चीन के निवेश और हिंद महासागर में उसकी घुसपैठ भारत को अपनी उपस्थिति मज़बूत करने के लिए प्रेरित कर रही है।

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