थाईलैंड में सुरक्षाकर्मियों ने विवादित बौद्ध मंदिर को घेरा

[email protected] । Feb 16 2017 2:36PM

थाइलैंड में बौद्ध धर्म के एक आध्यात्मिक नेता को गिरफ्तार करने की मुहिम के तहत सैनिकों और पुलिसकर्मियों ने आज बैंकॉक स्थित विवादित बौद्ध मंदिर को घेर लिया।

बैंकॉक। थाइलैंड में बौद्ध धर्म के एक आध्यात्मिक नेता को गिरफ्तार करने की मुहिम के तहत सैनिकों और पुलिसकर्मियों ने आज बैंकॉक स्थित विवादित बौद्ध मंदिर को घेर लिया। थाईलैंड के जूंटा प्रमुख ने विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर बैंकॉक स्थित विवादित बौद्ध मंदिर को सेना के नियंत्रण में लेने का आह्वान किया था। जांचकर्ताओं और शक्तिशाली वट धम्मकाया मंदिर के बीच लंबे समय से चल रही गाथा में यह हालिया मोड़ है। वट धम्मकाया मंदिर एक पृथक बौद्ध व्यवस्था है जिसके विवादित संस्थापक पर धोखाधड़ी का आरोप है लेकिन उन्हें कभी अदालत में नहीं पेश किया गया है।

इस अति समृद्ध मंदिर का परिसर 1,000 एकड़ में फैला है और हजारों श्रद्धालुओं के 70 वर्षीय बौद्ध भिक्षु की रक्षा में सामने आ जाने के कारण मंदिर पर इससे पहले किये गये छापेमारी के प्रयास नाकाम रहे हैं। माना जाता है कि पूर्व मठाधीश मंदिर के अंदर ही छुपे हैं लेकिन कई महीनों से उन्हें सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। यह मंदिर अपने अत्याधुनिक शिल्पों के लिये लोकप्रिय है। बौद्ध भिक्षु पी. धम्मचायो पर धन शोधन और एक सहकारी बैंक के मालिक से करीब 1.2 अरब बाहट (3.3 करोड़ डॉलर) की गबन राशि को स्वीकार करने का आरोप है। बैंक मालिक को जेल की सजा हुई थी। जुंटा नेता और प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा के अचानक आदेश के बाद आज सुबह पुलिस और सैनिक वहां पहुंचे मंदिर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया।

धारा 44 के रूप में विख्यात विशेष शक्तियों को लागू करने के आदेश के कारण इलाका सैन्य नियंत्रण में रखा गया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की समकक्ष थाईलैंड की एजेंसी डीएसआई के प्रमुख कर्नल पैसीत वोंगमाउंग ने कहा, ‘‘हमने मंदिर को सील कर दिया है और इसके बाद हम पूरे भवन की तलाशी लेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर मठाधीश को लगता है कि वह बेकसूर हैं तो उन्हें आत्मसमर्पण करना चाहिए और न्यायिक प्रक्रियाओं का सामना करना चाहिए।’’

ईमेल से भेजे अपने बयान में मंदिर ने कहा कि अवरोधकों के साथ ‘‘पुलिस और सेना के 4,000 कर्मियों को’’ तैनात किया गया है और अब किसी के भी मंदिर में प्रवेश और उससे बाहर निकलने पर प्रतिबंध है। माना जाता है कि बौद्ध धर्म समर्थक मठाधीशों के साथ मंदिर के अंदर हैं क्योंकि उनके मंत्रोच्चारणों को मंदिर की दीवारों से बाहर सुना जा सकता था जबकि पुलिस ने पूरे धैर्य से प्रतीक्षा की।

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