पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को दिखाया ठेंगा, भारत-रूस ने व्यापार का तरीका बदला

India-Russia Flage

अब रूस भारत से जो भी सामान खरीदेगा उसका भुगतान वह उसे रुपयों में कर सकता है इतना ही नहीं रूस उन रुपयों को भारतीय बाजार में निवेश कर सकता है।

यूक्रेन पर हमले के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका प्रतिबंधों को हथियार बना के रूसी अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट करना चाहता है। ऐसे में रूस अपने पुराने मित्र भारत की ओर उम्मीद के साथ देख रहा है। भारत ने रूस को निराश नहीं किया है और पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए उसके साथ व्यापार करने के लिए हामी भर दी है। रूस और भारत ने आपस में व्यापार करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं और दोनों ने बिना डॉलर के आपसी व्यापार को हरी झंडी दे दी है। इसका मतलब साफ है कि अब रूस और भारत के बीच डॉलर में नहीं बल्कि रूपये- रूबल में व्यापार किया जा सकेगा। इसके साथ ही आरबीआई ने रूस को अपनी करेंसी कोई स्थानीय मुद्रा कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश की अनुमति भी दे दी है।

रूस और भारत के व्यापार के दिशा में बड़े कदम

भारत के केंद्रीय बैंक में रूस का खाता छोटा है, जिसमें बस 262 मिलियन डॉलर हैं। लेकिन भारत और रूस ने अब जो कदम उठाया है उससे संभावित लाभ काफी अधिक हो सकता है। अब रूस भारत से जो भी सामान खरीदेगा उसका भुगतान वह उसे रुपयों में कर सकता है इतना ही नहीं रूस उन रुपयों को भारतीय बाजार में निवेश कर सकता है। जो कि प्रतिबंधों से सुरक्षित है। ब्लूंबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने रूस के प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिए अपने एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग नियम को भी बदल दिया है।

अभी तक पूरी दुनिया में अमेरिकी डॉलर से ही व्यापार होता है। लेकिन अब रूस और भारत के बीच व्यापार के इस नए तरीके से अमेरिकी डॉलर रिजर्व सिस्टम को एक संकेतिक झटका लग सकता है। भारत में अमेरिकी डॉलर में व्यापार करने के तरीके को बायपास कर कर दिया है। बात चल रही है कि भारत ईरान से भी इसी तरीके से व्यापार कर सकता है। यानी अब भारत ईरान से जो भी तेल खरीदेगा उसे वह अपनी करेंसी में ही भुगतान करेगा।

चीन और सऊदी अरब के बीच भी हुआ यही करार

सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सऊदी अरब और चीन के बीच भी ऐसा ही एक करार हुआ है। रिपोर्ट्स हैं कि सऊदी अरब चीनी करंसी स्वीकार करेगा, और चीन भी सऊदी अरब की करंसी को स्वीकार करेगा। भारतीय रूसी समझौते जैसी व्यवस्था में यह दोनों देश व्यापार करेंगे।

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