यमन युद्ध में शामिल पक्ष दो बार ठुकरा चुके हैं बातचीत का प्रस्ताव: UN
बातचीत का प्रस्ताव ठुकराने से युद्धरत पक्षों के बीच विश्वास के अभाव का संकेत मिलता है। साथ ही 13 दिसंबर को हुती विद्रोहियों और सरकार के बीच हुए समझौते को लागू करने में कठिनाई आने की आशंका भी है।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि यमन में जारी युद्ध में शामिल पक्ष होदेदा बंदरगाह में सुरक्षा बलों की दोबारा तैनाती को लेकर आमने-सामने बातचीत करने का प्रस्ताव दो बार ठुकरा चुके हैं। यह बातचीत संयुक्त राष्ट्र की एक टीम की निगरानी में होनी है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि निगरानी टीम के प्रमुख, नीदरलैंड्स के सेवानिवृत मेजर पैट्रिक कामाएर्ट की निगरानी में यमन सरकार और हूती विद्रोहियों के बीच यह बातचीत होनी थी और कामाएर्ट ने इसके लिए भरपूर कोशिश भी की।
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बातचीत का प्रस्ताव ठुकराने से युद्धरत पक्षों के बीच विश्वास के अभाव का संकेत मिलता है। साथ ही 13 दिसंबर को हुती विद्रोहियों और सरकार के बीच हुए समझौते को लागू करने में कठिनाई आने की आशंका भी है। डुजारिक ने कहा कि कामाएर्ट होदेदा में सभी पक्षों की सहमति से सुरक्षा बल तैनात करने के लिये राह अभी भी तलाश रहे हैं।
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Yemenis fighters and natural fighters....
— Eastern Lion 东方军事爱好者 🇨🇳 (@Sunkewei_China) January 11, 2019
Watch how they shot #Saudi mercenaries.#Yemen #Yemenwar pic.twitter.com/hPVNyxNqlh
इसी बंदरगाह के जरिये यमन में खाने का सामान और दूसरी मानवीय मदद पहुंचाई जाती है। सालिफ और रास इसा जैसे छोटे बंदरगाहों से मानवीय मदद पहुंचाना बेहद मुश्किल होता है। डुजारिक ने कहा, "हालिया चर्चाएं रचनात्मक रही हैं और कामाएर्ट सभी पक्षों को संयुक्त बैठकें दोबारा शुरू करने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।
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